उत्तरी गुजरात में 28 सितंबर को एक मासूम के साथ बलात्कार के अारोप में 19 वर्षीय युवक के गिरफ्तार होने के बाद करीब आधा दर्जन उन फैक्ट्रियों पर हमला हुआ है, जहां दूसरे प्रदेश से आए मजदूर काम कर रहे थे। इनमें सबसे पहला वह फैक्ट्री है, जहां कि आरोपी (बिहार के छपरा का रहनेवाला) काम करता था। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि ठाकोर सेना द्वारा पथराव किया गया है। गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर ने कहा कि यह गुस्सा सरकार और फैक्ट्रियों के प्रति इसलिए बढ़ गया क्योंकि 80 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नियम का पालन नहीं किया गया। वहीं, नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि, “जिन फैक्ट्रियों पर हमला किया गया, उनमें से एक वडोदरा स्थित हिमालया इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड भी है। यहा काम करने वाले 500 कर्मचारियों में से 100 से ज्यादा राज्य के बाहर के नहीं हैं, खासकर यूपी-बिहार के।”
गांधीनगर के पुलिस आईजी महेंद्रसिंह छावड़ा कहते हैं कि बलात्कार की घटना के बाद लंबे समय से दबी हुई भावनाएं बाहर आ गई। वे कहते हैं, “स्थानीय लोग कारखानों के मालिक से नाराज थे और वे एक मौके की तलाश में थे।” अधिकारी कहते हैं कि जैसे ही रेप की खबर फैली, सोशल मीडिया पर एक विशेष समुदाय को एकजुट होने और गैर-गुजरातियों को बाहर भगाने का संदेश फैलाया जाने लगा। 14 महीने की बच्ची के साथ रेप की घटना में 19 वर्षीय आरोपी की गिरफ्तारी के दूसरे दिन हिम्मतनगर और सबरकंठा जिले में स्थित दो फैक्ट्रियों को निशाना बनाया गया। दो अक्टूबर को वाडनगर और विजयपुर शहर में फैक्ट्रियों पर हमला किया गया। वाडनगर पुलिस के अनुसार, करीब 200 लोगों की भीड़ फैक्ट्री के बाहर इकट्ठा हुई और मांग किया, “जब तक 14 माह की बच्ची को न्याय नहीं मिल जाता, यूपी और बिहार से आए लोगों को नौकरी से निकाल दो अन्यथा वे मारे जाएंगे।”
पुलिस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि, “भीड़ द्वारा कंपनी पर पत्थर फेंके गए और उनके रास्ते को बाधित करने की कोशिश की गई। मनगर श्यामल नाम के एक व्यक्ति की बुरी तरह पिटाई की गई। उनके सर पर एक पत्थर लगा। शर्ट फाड़ दिया गया। इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सभी नजदीकी गांव के रहने वाले थे और ठाकोर समुदाय के थे।” दंगों से इतर, अारोपियों के उपर समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भावना को बढ़ाने के लिए काम करने का मामला दर्ज किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमारी जांच में पाया गया है कि उनमें से कम से कम पांच कारखाने में काम करते थे और विभिन्न कारणों से हटा दिए दिए गए थे। बलात्कार की घटना बाद उन्हें एकजुट होने और कंपनी के उपर हमला करने का मौका मिला।” पुलिस और स्थानीय लोग यह भी कहते हैं कि हिमालयन इंटरनेशनल में काम कर रहे लोगों में पांच हिस्सा भी बाहर के नहीं हैं।
कोटदी गांव में जय प्रभु कपास मिल पर उसी दिन हमला हुआ था। गुजराती में एक पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षत्रिय-ठाकोर सेना के 150 से 200 सदस्य एक खास मंशा से एकजुट हुए और हंगामा किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भीड़ ने श्रमिकों को पीटा और पत्थरबाजी की। इस मामले में गिरफ्तार किए गए भीड़ के सभी 23 लोग ठाकोर सेना के सदस्य हैं। इस पूरे मामले पर डीजीपी शिवानंद झा ने कहा, “स्टेट रिजर्व पुलिस के 17 कंपनी और 1 प्लाटॅून को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। 42 मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 342 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच जारी है।”