एक अप्रैल 2016 से मोटरसाइकिल और स्कूटर के नए मॉडलों की लांचिंग मुश्किल होने जा रही है। यही नहीं लांच होने वाले नए मॉडल के दुपहिया वाहनों की कीमत भी करीब दस फीसद तक महंगी हो जाएगी। दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की रोकथाम को इस कवायद की वजह बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत स्टेज (बीएस-3) मानक वाले दुपहिया वाहन कार, जीप और एसयूवी के मुकाबले 4-5 गुना ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं।
सम-विषम या वाहनों की संख्या नियंत्रित रखने वाली अन्य योजनाएं दुपहिया वाहनों पर रोक नहीं लगा पा रही हैं। दुपहिया वाहनों पर कार जितना प्रदूषण फैलाने के तथ्य के कारण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने दुपहिया वाहनों के लिए 2020 से लागू होने वाली नीति एक अप्रैल 2016 से लागू करने का फैसला किया है। यानी आज से जो भी नए मॉडल दुपहिया वाहनों के लांच होंगे, उन्हें बीएस-4 मानक का पालन करना होगा।
आॅटोमोबाइल क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि बीएस-4 मानक वाले वाहनों से बीएस-3 के मुकाबले 5 गुना कम प्रदूषण होगा। जबकि इंजन, एक्जास्ट आदि में सुधार करने में आॅटोमोबाइल कंपनियों पर इस बदलाव को करने में 8-10 फीसद लागत बढ़ेगी। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार ठहराते हुए 1 से 15 जनवरी तक सम-विषम योजना लागू हुई थी। 2000 सीसी और उससे बड़ी क्षमता वाली डीजल गाड़ियों का पंजीकरण दिल्ली में बंद होने के बाद वाहनों से निकलने वाले वायु प्रदूषण ने एक नई बहस छेड़ दी थी।
आंकड़े बताते हैं कि देश में जहां 20-25 लाख चार पहिया वाहन (कार, जीप, एसयूवी आदि) एक साल में बेचे जाते हैं, वहीं इसी अवधि में बिकने वाले दुपहिया वाहनों (मोटर साइकिल, स्कूटर, स्कूटी आदि) की संख्या 1.75 करोड़ के आसपास है। यानी 1 चार पहिया गाड़ी और 7 दुपहिया वाहन का अनुपात है। सात गुनी संख्या के अलावा दुपहिया वाहनों में बीएस-3 का मानक लागू है। जबकि चार पहिया गाड़ियों में बीएस-4 का मानक है।
दिल्ली में फरवरी से ही लागू
सोसायटी आॅफ इंडियन आॅटोमोबाइल्स मैन्युफैक्चरर्स (एसआइएएम) समेत अन्य संगठनों की तरफ से स्थिति बताई गई, तब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने दुपहिया वाहनों में 2020 के बजाए 31 मार्च, 2016 तक बीएस-3 मानक की समय-सीमा तय कर दी। यानी 31 मार्च 2016 के बाद दुपहिया वाहन का जो भी नया मॉडल लांच होगा, उसे बीएस-4 मानक का पालन करना होगा। हालांकि दिल्ली सरकार ने 31 मार्च 2016 के बजाए फरवरी से ही इस नियम को लागू कर दिया था। जिससे कई नामी दुपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों के कई नए मॉडलों का दिल्ली में पंजीकरण बंद हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार को वाहन निर्माता कंपनियों ने नए लांच होने वाले दुपहिया वाहनों को बीएस-3 से बीएस-4 में 1 अप्रैल, 2017 तक तब्दील कराने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद दिल्ली में नए मॉडल के दुपहिया वाहनों के पंजीकरण पर रजामंदी हुई है।
दस फीसद तक बढ़ेगी कीमत
नोएडा आॅटोमोबाइल डीलर्स वेलफेयर असोसिएशन के कोषाध्यक्ष अरविंद शोरेवाला ने बताया कि बीएस-4 माकन वाले दुपहिया वाहन मौजूदा के मुकाबले 5 गुना तक कम प्रदूषण फैलाएंगे। जिससे ना केवल लोगों को फायदा होगा, बल्कि वातावरण स्वच्छ बनाने में भी मदद मिलेगी। उनके मुताबिक नाइट्रोजन आॅक्साइड और कार्बन मोनो आॅक्साइड जैसी तत्त्वों में कमी आने से वायु में शुद्धता बढ़ेगी। हालांकि इंजन समेत अन्य तब्दीलियां करने पर 5-7 फीसद का खर्चा भी आएगा। जिसके कारण नए लांच होने वाले मॉडल की कीमत मौजूदा के मुकाबले आठ से दस फीसद ज्यादा होने की उम्मीद है।