उत्तराखंड के George Everest Estate प्रोजेक्ट को लेकर इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल पर सियासत शुरू हो चुकी है। कांग्रेस ने धामी सरकार पर हमला बोलते हुए इसे भ्रष्टाचार से जोड़ दिया है, जोर देकर बोला गया है कि बीजेपी ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं और अब इस मामले की जांच होना जरूरी है। उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यह मुद्दा उठाया है और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है।
कांग्रेस ने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर क्या बोला?
यशपाल आर्य कहते हैं कि उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर रही हैं। पूर्व में आहूत हुए विधानसभा सत्र में मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट इलाके में 30 हजार करोड़ बाजार मूल्य वाली पर्यटन विभाग की जमीन 1 करोड़ रुपए सालाना किराए पर देने का मामला प्रमुखता से उठाया था । ये जमीन जिस कंपनी को दी गई थी वह कंपनी बाबा रामदेव की पतंजलि से संबंध रखती थी। आज दिल्ली के प्रतिष्ठित अख़बार ने इस खबर को छापा है। इससे अरबों रुपए के पर्यटन से जुड़े ठेके को हथियाने के लिए किए गए फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है।
कांग्रेस ने धामी सरकार पर क्या आरोप लगाए?
इसके बाद यशपाल आर्य ने कहा कि महज एक करोड़ रुपए सालाना के शुल्क साथ बालकृष्ण की कंपनी ने यह टेंडर हासिल कर दिया। अदभुत यह रहा दूसरे तीसरे नंबर पर भी टेंडर में जिन कंपनियों के नाम आए उनकी मलकीयत भी बालकृष्ण के पास है । कब्जे वाले हिस्से का छोड़ भी दे तो इस 762 बीघा भूमि याने 5744566 वर्ग मीटर भूमि का सरकारी रेटों से मूल्य आज के समय 2757,91,71,840 रुपया ( 2757 करोड़ के लगभग है। जमीन का यह रेट सरकारी सर्किल रेट के अनुसार है। व्यवसायिक जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य आम तौर पर इसके चार गुना और व्यवसायिक या पर्यटक स्थलों पर 10 गुना तक होता है। याने ये जमीन 30 हजार करोड़ तक के मूल्य की हो सकती थी।
बालकृष्ण पर क्या बोली बीजेपी?
अब कांग्रेस ने तो यह मुद्दा उठाया ही है, सामने से बीजेपी ने भी सफाई दी है। जोर देकर कहा गया है कि टेंडर देते वक्त सभी नियमों का सख्ती से पालन किया गया था। इस बारे में बीजेपी प्रवक्ता मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि 2012 से पहले तो George Everest House की हालत काफी खराब थी, सिर्फ सीमित पर्यटक वहां जाते थे। कांग्रेस नकारात्मक माहौल बना विकास कार्यों में रोड़ा डालने का काम कर रही है। बीजेपी नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब यही जगह आर्थिक गतिविधियों का गढ़ बन चुकी है।
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इंडियन एक्सप्रेस को क्या पता चला था?
वैसे बीजेपी नेता ने अपने बयान में आचार्य बालकृष्ण को लेकर कुछ नहीं बोला है। असल में इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी पड़ताल में पाया था कि धामी सरकार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए बोली लगवाई थी, तीन कंपनियां सामने भी आई थीं। अब टेंडर तो एक को ही मिला, लेकिन बाद में पता चला कि सभी कंपनियों में एक बड़े शेयर होल्डर खुद बालकृष्ण रहे। इसके ऊपर जिस कंपनी ने टेंडर जीता था, उसमें आगे चलकर बालकृष्ण की हिस्सेदारी काफी ज्यादा बढ़ गई थी। पूरी पड़ताल जानने के लिए तुरंत यहां क्लिक करें