RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने काशी से हिंदू एकता का आह्वान किया। मोहन भागवत ने कहा कि श्मशान, मंदिर और पानी सभी हिंदुओं के लिए एक होना चाहिए। इसी लक्ष्य के साथ संघ काम कर रहा है।
जाति और पंथ की सीमाओं को मिटाकर सामाजिक एकीकरण का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू समाज के सभी संप्रदाय, जातियां और समुदाय एक साथ आएं।
संघ प्रमुख ने काशी की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान शुक्रवार को आईआईटी-बीएचयू में आरएसएस राजपूताना शाखा के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई सामाजिक भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी हिंदुओं के लिए श्मशान, मंदिर और पानी एक होना चाहिए। भागवत ने कहा कि संघ हिंदू समाज को मजबूत और एकजुट करने के दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है।
भागवत ने काशी की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन कहा कि हिंदू समाज के सभी पंथ, जाति और समुदाय एक साथ आएं, यही संघ का विजन है। संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है।
जब आईआईटी-बीएचयू के एक शोध छात्र ने भागवत से पूछा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में क्या करने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने कहा कि आरएसएस पिछले 100 वर्षों से जिस प्रयास में लगा हुआ है, वह जारी रहेगा।
भागवत ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को संघ से जोड़ना होगा। हमें अपने समूहों को इतना मजबूत बनाना होगा कि लोग हमारा आचरण देखकर हमसे जुड़ना चाहें। युवाओं को एक घंटा अपने विकास पर और बाकी 23 घंटे समाज के कल्याण पर खर्च करने चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ युवाओं को सही दिशा देने और दूसरों की मदद के लिए हमेशा उपलब्ध रहने के पक्ष में है।
उन्होंने भारतीय संस्कृति और उसके नैतिक मूल्यों के प्रसार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। भागवत ने कहा कि हमें अपनी भाषा, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए खुद ही पहल करनी होगी।
शनिवार को उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दौरा किया और भगवान शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद काशी के बुद्धिजीवियों के साथ अलग से बातचीत की।
आरएसएस प्रमुख के साथ विभाग सह संघचालक डॉ.रामेश्वर चौरसिया, क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार और प्रांत प्रचारक रमेश कुमार भी थे। इसके अलावा, भागवत की मौजूदगी में काशी क्षेत्र के शीर्ष संघ पदाधिकारियों की बैठक में संगठन के शताब्दी वर्ष में घर-घर संपर्क अभियान, हिंदू सम्मेलन समेत विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की रणनीति पर चर्चा की गई।
आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, संघ ने शताब्दी वर्ष समारोह के तहत काशी क्षेत्र में 1.25 लाख नए स्वयंसेवक बनाने का लक्ष्य रखा है।इस वर्ष 5 नवंबर से 30 नवंबर के बीच घर-घर संपर्क अभियान चलाया जाएगा। गृह संपर्क अभियान के दौरान स्वयंसेवक संघ के संक्षिप्त इतिहास और कार्यों की पुस्तिकाएं लेकर लोगों तक पहुंचेंगे।
इस बीच, वाराणसी प्रवास के दौरान आरएसएस प्रमुख को कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भागवत का हिंदुत्व प्रेम झूठा है, क्योंकि वे महाकुंभ में नहीं गए। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस प्रमुख हर मंच से हिंदुत्व का राग अलापते हैं, लेकिन जब बात व्यवहार में आती है तो वे पीछे हट जाते हैं।
भागवत ने छात्रों से पूछा- क्या आप संघ को समझते हैं, बताइये संघ क्या है? इस पर छात्रों ने कहा- संघ का मतलब हिंदुत्व को बढ़ावा देना। सनातन की रक्षा करना। धर्म कोई भी हो, सबकी मदद करना और युवा शक्ति को सही दिशा दिखाना, यही संघ है। काशी के अलावा आरएसएस प्रमुख के गाजीपुर, मिर्जापुर और सोनभद्र सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों का भी दौरा करने की संभावना है।
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