समाजवादी पार्टी ने अपनी लोकसभा चुनाव अभियान की तैयारियों का आगाज कर दिया है। पार्टी ने राज्य में सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों को उठाने के लिए यात्राओं का आयोजिन किया है। इसके साथ ही इस बार पार्टी ने धर्म को भी अपनी रणीनीति में शामिल किया है, जिसे लेकर भाजपा ने सपा पर नरम हिंदुत्व का आरोप भी लगाया है।
अपने कार्यकर्ताओं तक पार्टी का संदेश पहुंचाने के लिए सपा ने 9 जून को लखीमपुर और सीतापुर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए, जहां अखिलेश यादव और अन्य शीर्ष नेताओं ने सभा को संबोधित किया। सीतापुर जिले के एक प्रमुख हिंदू तीर्थ नैमिषारण्य में आरती की और भाजपा पर कटाक्ष किया। उधर, भाजपा ने सपा पर पर नरम हिंदुत्व को लेकर निशाना साध है। इसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि हम लोग पहले से ही बहुत सॉफ्ट हैं। बस अब मुश्किल होने की जरूरत है। ये नरम का मामला चलने वाला नहीं है।
सपा नेताओं ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर जाने से अब तक परहेज किया है लेकिन अब पार्टी भी इस राह पर चलती नजर आ रही है। हाल ही में सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने इटावा जिले के अपने विधानसभा क्षेत्र जसवंत नगर के रामलीला तिराहा पर राम की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। शिवपाल ने मूर्ति की आरती भी की और कहा कि राम सभी के हैं।
सपा अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर भी लगा रही है, जो यूपी के सभी 80 लोकसभा क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। इन शिविर में अखिलेश की लोक जागरण यात्रा हर लोकसभा क्षेत्र से होकर गुजरेगी। अखिलेश ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित समाजवादी विजय यात्रा की तरह ही सामाजिक न्याय और जाति जनगणना के नारों के साथ लखीमपुर से लोक जागरण यात्रा की शुरुआत की, ताकि ओबीसी वोटरों को लुभाया जा सके।
गुरुवार को लखनऊ में सपा के राज्य मुख्यालय में कार्यकर्ताओं की एक बैठक में अखिलेश यादव ने समूहवाद को समाप्त करने की मांग की और पार्टी वर्कर्स से एकजुटता, निष्ठा, ईमानदारी के साथ चुनाव की तैयारी करने का आग्रह किया। अखिलेश खुद हर सीट पर चर्चा के लिए जिला सांगठनिक इकाइयों से मिल रहे हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि नई क्षेत्रीय इकाइयां बनाई गई हैं। पार्टी के एक नेता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पिछले चुनाव और उपचुनाव में सपा समर्थकों के नाम मतदाता सूची से गायब पाए गए थे। सपा को हराने के लिए भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग किया।
उन्होंने कहा कि इस बार प्रभारी मतदाता सूची में अपडेट पर नजर रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी पात्र मतदाताओं को सूची में शामिल किया जा सके। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी 2024 के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। बसपा को जहां 10 सीटें मिली थीं, वहीं सपा को सिर्फ पांच सीटें ही मिली थीं। हाल के उपचुनावों में रामपुर और आजमगढ़ को भाजपा से हारने के बाद सपा के पास लोकसभा में केवल तीन सांसद हैं।