जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था वह जिंदा हो गया। इसे जादू कहिए या फिर कुछ और लेकिन यह सच है। मामला तेलंगाना का है। यहां गंधम किरन नाम का एक आठ वर्षीय लड़का डेंगू और ज्वाइंडिस से जूझ रहा था। बच्चे की लगातार बिगड़ती तबीयत को देखते हुए परिवार वालों ने उसे हैदराबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया।

अस्पताल में भर्ती करने के बाद भी उसकी स्थिति बेहद गंभीर बनी रही। जिसके बाद 3 जुलाई को डॉक्टरों ने लड़के की मां सैदम्मा को सूचित किया कि बच्चा ब्रेन डेड हो चुका है और वह बच्चे को अस्तपताल से ले जाएं। डॉक्टरों के इतना कहना के बाद परिजनों ने सूर्यापेट जिले में स्थित पिल्लमर्री गांव में अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी। लेकिन मां ने अपनी उम्मीदों को कम नहीं किया। मां ने बच्चे को वेंटिलेटर से भी उतारने के लिए इनकार कर दिया। परिजन बच्चे को गांव वापस ले आए।

जब मां 3 जुलाई के दिन ही अपने घर में अपने बच्चे के पास बैठीं तो जोर-जोर से रोने लगी। इस दौरान मां ने देखा की बच्चे की आंखों से आंसू बह रहे हैं। मां की दुआएं बच्चे को मौत के मुंह से निकाल लाई। मां ने तुरंत रिश्तेदारों और घरवालों को इसकी सूचना दी। इसके बाद डॉक्टर को बुलाया गया आनन-फानन में बच्चे को फटाफट इंजेक्शन लगाया गया।

इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर जी राजाबाबू रेड्डी ने बताया कि ‘बच्चे धड़कने चल रही थीं। मैंने तुरंत हैदराबाद में उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों को फोन किया और उन्होंने मुझे बच्चे को चार इंजेक्शन लगाने की सलाह दी।’ उन्होंने आगे बताया ‘बच्चे की हालत में अब सुधार है और आने वाले कुछ दिनों में वह पूरी तरह ठीक हो जाएगा। वह अब अपनी मां से भी बातें करना लगा है। बता दें कि सैदम्मा के पति की 2005 में मृत्यु हो गई थी।