टीआरएस विधायक कोनेरू कोनप्पा के भाई ने जून 2019 में एक महिला वन अधिकारी पर हमला करने वाली भीड़ का नेतृत्व किया था। इस घटना के बाद राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ गई थी। इन्हीं विधायक को तेलंगाना सरकार ने अब पुनर्गठित स्टेट बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ का सदस्य बनाया है। सरकार द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (Hoff) और मुख्य वन्य जीव वार्डन (FAC) के प्रस्ताव की सावधानी पूर्वक जांच के बाद, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत वन्यजीवों के लिए राज्य बोर्ड का पुनर्गठन किया जा रहा है।

इनको सदस्य के रूप में चुना गया: बता दें कि इस समिति के सदस्य के रूप में विधायक कोप्पा के अलावा विधायक मरी जनार्दन रेड्डी और विधायक वनमा वेंकटेश राव को सदस्य के रूप में चुना गया है। वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) भारत में हैदराबाद जेवीडी मूर्ति (अध्यक्ष) डेक्कन बर्डर्स और अविनाश विश्वनाथन (महासचिव) फ्रेंड्स ऑफ स्नेक्स सोसाइटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ईपुर को भी सदस्य के रूप में चुना गया है।

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हमेशा बाघों और जंगलों की रक्षा के लिए काम किया: इसके सदस्य के रूप में कोनेरू कोनप्पा को नियुक्त किये जाने पर उनकी आलोचना शुरू हो गई। इस पर विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि मैं पहले भी बता चुका हूं कि मैं इस मामले में शामिल नहीं था। यह मामला मेरे भाई से जुड़ा हुआ था। मैं हमेशा से वन व उनके जीव के विकास का मुद्दा उठाता रहा हूं। उन्होंने indianexpress.com को बताया कि वह हमेशा जनता को पर्यटन में सुधार के लिए बाघों और जंगलों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करते रहे है।

 हमारी अवधारणा वनों की सुरक्षा और विकास है: विधायक ने वन अधिकारी के साथ मारपीट के मामले में कहा कि ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच “गलतफहमी और समन्वय की कमी” के कारण उनके भाई कोनेरु कृष्णा को शामिल किया गया था। ऐसा पहली बार हुआ था और मैंने पहले भी कहा है कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए। हमारी अवधारणा वनों की सुरक्षा और विकास है। यह करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के जंगलों में बाघों की रक्षा करना विधायक के रूप में मेरी जिम्मेदारी है। बता दें कि इस समिति में 10 लोगों की चुना गया है इसमें पक्षी वैज्ञानिक को भी शामिल किया गया है। साथ ही 13 अन्य नौकरशाहों और सरकारी अधिकारियों को ‘अन्य सदस्यों’ के रूप में चुना गया है।

समिति वन्यजीवों के संरक्षण की निति तैयार करेगी: इस समिति का कार्य अधिनियम की धारा 8 के अनुसार, वन्यजीवों के राज्य बोर्ड का यह कर्तव्य होगा कि वे राज्य सरकार को वन्यजीवों के संरक्षण के लिए नीति तैयार करने और संरक्षित क्षेत्रों के रूप में घोषित किए जाने वाले क्षेत्रों के चयन और प्रबंधन में राज्य सरकार को सलाह देना है। पौधों किसी भी अनुसूची में संशोधन से संबंधित मामले और वनों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ जंगल के आदिवासी और अन्य निवासियों की आवश्यकताओं के सामंजस्य के लिए किए जाने वाले उचित उपाय सरकार को सुझांव दे।

उनके सिर में चोटें आई थीं: इस साल जून में कोनेरू कृष्णा के नेतृत्व में ग्रामीणों की भीड़ ने वन रेंज अधिकारी सी. अनीता और अन्य पर हमला किया जब वे राज्य के ‘हरिता हरम’ वनीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पौधे लगाने के लिए कुमारम्भीम आसिफाबाद जिले के सरसाला गांव गए थे। ग्रामीणों ने दावा किया था कि जमीन उनकी है। एफआरओ अनीता के सिर में चोटें आई थीं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।