Bharat Rashtra Samithi: तेलंगाना विधानसभा चुनावों में हार के बाद भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लेकर आलाकमान में पार्टी का नाम बदलकर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) करने की मांग बढ़ रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के बेटे के.टी. रामाराव को अपना सुझाव देते हुए कहा कि नाम से ‘तेलंगाना’ हटाने से जाहिर तौर पर राज्य के लोगों को जुड़ाव कम हुआ है।
रामा राव सहित वरिष्ठ बीआरएस नेता वर्तमान में 3 जनवरी से शुरू होने वाली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र-वार बैठक कर रहे हैं। जिसमें चुनावी हार के कारणों पर विचार-मंथन करते हुए कार्यकर्ताओं से सुझाव मांगे जा रहे हैं।
बीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”पार्टी की हर बैठक में कुछ नेता और कार्यकर्ता वरिष्ठ नेतृत्व से नाम बदलकर टीआरएस करने के लिए कह रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टी के नाम से तेलंगाना हट जाने से लोगों का जुड़ाव कम हो गया है।”
एक अन्य नेता ने कहा कि हालांकि वे नाम बदलने के खिलाफ हैं, लेकिन वे अपने मन की बात नहीं कह सकते, क्योंकि केसीआर कठोर फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं।
नेता ने कहा, टीआरएस में नाम बदलना विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के लिए जिम्मेदार शीर्ष पांच कारणों में से एक है।
केसीआर ने साल 2022 में तेलंगाना के बाहर पार्टी का विस्तार करने के लिए टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में हार से उनकी यह रणनीति असफल हो गई और कुछ महीनों में इस मामले में स्पष्टता सामने आएगी।
केसीआर के नेतृत्व वाली पार्टी 30 नवंबर को राज्य विधानसभा चुनावों में 119 में से केवल 39 सीट ही जीत पाई थी। इसके साथ ही केसीआर सत्ता बेदखल हो गए थे।