नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधान सभा में 23 मार्च को हुई घटना को लेकर विहार विधान सभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। पत्र में तेजस्वी ने विपक्षी विधायकों पीटने की घटना को जलियांवाला बाग कांड करार दिया है। इस बात की जानकारी नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट कर दी है। अपने ट्वीट के साथ तेजस्वी ने अध्यक्ष को लिखे गए पत्र को भी शेयर किया है।

तेजस्वी का आरोप है कि जिस तरह से जलियांवाला बाग कांड में निहत्थों पर हमला किया गया था, उन्हें बर्बरता से मारा गया था आज ठीक उसी तरह से उनके विधायकों के साथ भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर सदन के भीतर लात-घूसों और डंडों से बहुत बेरहमी से पीटा गया। तेजस्वी का सीधा आरोप है कि विपक्षी विधायकों को मुख्यमंत्री के इशारे पर ही पिटवाया गया जो बेहद शर्मनाक है।

आरजेडी नेता ने ट्वीट कर लिखा “लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार करते हुए 23 मार्च को बिहार विधानसभा के अंदर इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री के इशारे पर विपक्ष के माननीय सदस्यों के साथ बर्बरतापूर्ण मारपीट की गयी। इसी संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष महोदय को साक्ष्य सहित पत्र लिख दोषियों को बर्खास्त करने की माँग की।”

तेजस्वी यादव ने कहा था कि सदन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब पुलिस सदन के अंदर आई और डीएम ने खुद विधायकों को सदन से घसीटकर बाहर किया। तेजस्वी ने यह भी कहा था कि विधायकों को लाखों लोग वोट देकर चुना जाता है ऐसे नहीं विधायक जी के साथ पुलिस वालों का इस तरह का व्यवहार जनता पर प्रहार है।

तेजस्वी ने कहा है कि लोकतंत्र के मंदिर में सदन के सदस्यों के साथ जो सुलूक हुआ उससे बिहार की छवि धूमिल हुई है। यही नहीं तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह भी पूछा है कि आखिर किसके आदेश पर विधायकों को सदन में इस तरह से बर्बरतापूर्वक पिटवाया गया। इन विधायकों को करोड़ों जनता चुनकर सदन पहुंचाती है, ऐसे में जिस तरह से सदन के भीतर सदस्यों को लात-घूसों से पीटा गया ये उन जनता का भी अपमान है और साथ में सदन भी कलंकित हुआ है।