करदाताओं को इस असेसमेंट ईयर से Form 26AS में बदलाव देखने को मिलेगा। ये फेरबदल कुछ अतिरिक्त डिटेल्स से जुड़े होंगे। अब से फॉर्म 26एएस पर टैक्स चुकाने वालों के वित्तीय लेन-देन के डिटेल्स होंगे, जो कि विभिन्न श्रेणियों में स्टेटमेंट ऑफ फाइननैंशियल ट्रांजैक्शंस (SFT) के तौर पर होंगे। दरअसल, ये चीजें Central Board of Direct Taxes (CBDT) के एक फरमान के बाद बदली जा रही हैं।
सीबीडीटी ने इस बाबत कहा कि फॉर्म 26एएस में पहले तक करदाता के कटे हुए टीडीएस की जानकारी होती थी, पर अब इस वित्तीय लेनदेन का ब्यौरा भी होगा। यह करदाताओं को आईटीआर भरते वक्त उनके प्रमुख फाइनैंशियल ट्रांजैक्शंस याद दिलाने में मदद करेगा।
नए रूप वाले फॉर्म 26 एएस में प्रॉपर्टी और शेयर ट्रांजैक्शन की जानकारी भी शामिल की गई है। साथ ही TDS-TCS डिटेल्स के अलावा कुछ और ट्रांजैक्शन, टैक्स पेमेंट, किसी टैक्सपेयर की तरफ से वित्त वर्ष में डिमांड-रिफंड से जुड़ी पूरी हो चुकी या पेंडिंग प्रक्रिया की जानकारी शामिल की जाएगी। करदाता को इसका ब्यौरा ITR में देना होगा। बता दें कि नया फॉर्म 26एएस एक जून से प्रभाव में आएगा।
New Form 26AS के असर के बारे में जानकार और एक्सपर्ट्स का कहना है कि भविष्य में इनकम टैक्स विभाग ITR प्रक्रिया के लिए इस फॉर्म के साथ डिटेल्स के मेल खाने की शर्त को भी जोड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो रिटर्न भरने वाले पर करदाता कटा टीडीएस वापस हासिल कर सकता है।
आपको बता दें कि फॉर्म 26एएस की मदद से किसी भी वित्त वर्ष में टैक्स चुकाने वाले व्यक्ति की साल के दौरान विभिन्न स्रोतों से मिली आय पर कटे सभी टीडीएस की सूचना आसानी से पाई जा सकती है।करदाता Form 26AS को आयकर विभाग की वेबसाइट से पैन कार्ड की मदद के जरिए आसानी से निकाल सकते हैं।