तवांग में भारतीय और चीन की सेनाओं के बीच झड़प (India-China Clash In Tawang) के बाद तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Tibetan spiritual leader Dalai Lama) ने बड़ा बयान दिया है। दलाई लामा ने कहा कि भारत एक आदर्श स्थान है और उनका स्थायी निवास है। उन्होंने कहा कि वह भारत को पसंद करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा अब चीजे सुधर रही हैं।

भारत मेरे लिए सबसे अच्छी जगह- Tibetan spiritual leader Dalai Lama

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा हवाईअड्डे (Kangra airport in Himachal Pradesh) पर दलाई लामा ने मीडिया द्वारा तवांग झड़प पर पूछे गए सवाल पर कहा, “मुझे लगता है कि अब यूरोप, अफ्रीका और एशिया Europe Africa and Asia) में भी सामान्य तौर पर चीजें सुधर रही हैं। अब चीन (China) भी अब अधिक लचीला है। ठीक है, लेकिन चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मुझे भारत सबसे अच्छी जगह और कांगड़ा (पंडित नेहरू की पसंद बताकर) पसंद है। यह जगह मेरा स्थायी निवास है। यह बहुत सही है, धन्यवाद।”

Health checkup के लिए दिल्ली में तिब्बती धर्मगुरु

अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए दलाई लामा ने कहा, “मेडिकल चेकअप कराना है, अन्यथा इतनी सामान्य शारीरिक स्थिति में कोई समस्या नहीं है। थोड़ा दर्द है (उनके बाएं हाथ को कंधे में) अन्यथा कोई समस्या नहीं है।” बता दें कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का 2-3 दिनों के लिए दिल्ली में रहने का कार्यक्रम है और फिर वह आध्यात्मिक शिक्षाओं और अन्य कार्यक्रमों के लिए बिहार के बोधगया (Bodhgya in Bihar) जाएंगे। दिल्ली में कुछ बैठकों और कार्यक्रमों के अलावा दलाई लामा की दिल्ली में स्वास्थ्य जांच (health checkup) होगी।

क्या है मामला, जानें

बता दें कि 9 दिसंबर को चीन और भारतीय सैनिकों के बीच तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में झड़प हुई थी। दरअसल चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने ये नाकाम कर दिया। इस झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं, लेकिन किसी की स्थिति गंभीर नहीं है।

राज्यसभा में एक बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने एक घटना के बारे में कहा, “9 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में LAC को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। चीनी सेना के प्रयासों का हमारे सैनिकों ने मुकाबला किया। इसमें हाथापाई हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया।”