संसद भवन की नई बिल्डिंग सेंट्रल विस्टा बनाने का कॉन्ट्रेक्ट टाटा ग्रुप को मिला है। संसद के नई इमारत की लागत 861.90 करोड़ रुपये आएगी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का अनुबंध हासिल किया।

टाटा ने यह कॉन्ट्रेक्ट निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को हरा कर जीता है। इससे पहले सात कंपनियां इस ठेके को हासिल करने की रेस में शामिल थीं।केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने अंतिम रूप से तीन कंपनियों को ऑनलाइन फाइनेंशियल निविदा के लिए चुना था। संसद की नई ईमारत पार्लियामेंट हाउस के प्लॉट नंबर 118 पर बनेगी। इस बिल्डिंग का निर्माण सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत होगा।टाटा की कंपनी का नाम टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड है।

संसद का प्रस्तावित नये भवन का कुल एरिया लगभग 65,000 वर्गमीटर है, जिसमें लगभग 16,921 वर्गमीटर का बेसमेंट एरिया शामिल है। यह दो मंजिला होगा। नया संसद भवन 2022 में जब भारत स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब तैयार हो जाएगा।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संसद के मानसून सत्र के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकता है।


संसद की मौजूदा इमारत ब्रिटिश काल की बनी हुई है, जो सर्कुलर है। नए ईमारत का डिजाइन तिकोने आकार का होगा। इससे पहले सरकार ने इस पर 940 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जताया था। इस प्रोजेक्ट के लिए लार्सन एंड टूब्रो की तरफ से 865 करोड़ रुपये की निविदा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि संसद की मौजूदा इमारत का रिनोवेशन कर इसे अन्य कार्य में प्रयोग में लाया जाएगा।