देशभर में जहां नदियों और पर्यावरण को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है वहीं एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसे देखकर आपका खून खौल उठेगा। दरअसल,तमिलनाडु के कडलोर जिले में थित्तकुडी में एक पंचायत के कर्मचारियों ने कई टन कूड़ा एक नदी में बहा दिया। इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। वीडियो में देखा गया कि थिटाकुडी और अरियालुर को जोड़ने वाले पुल पर ट्रक कतार में खड़े नजर आए।कुड्डालोर पिछले दो वर्षों से बारिश से बेहाल था।
फिलहाल मानसून के चलते राज्य के कई इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है।स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने नदी में खराब होने वाले, गैर-बायोडिग्रेडेबल और फार्मा कचरे को डंप करने का फैसला किया। जब यह खबर जिला कलेक्टर वी अंबु सेलवन तक पहुंची, तो उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और नगर पंचायत अधिकारियों के आचरण की जांच की। कलेक्टर ने इसके बाद कार्यकारी सचिव गुनसेकरन और एक स्वच्छता पर्यवेक्षक को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके अलावा, दो अन्य गैर-संविदा मजदूरों को भी निलंबित कर दिया गया।
indianexpress.com से बातचीत के दौरान कुड्डलोर कलेक्टर ने कहा, “जो भी कारण हो सकता है, भले ही उन्होंने इसे अनजाने में किया हो, यह अस्वीकार्य है। हमने प्रशासन को एक मजबूत संदेश भेजने के बारे में सोचा, इसलिए हमने निलंबन शुरू किया। हमने सभी नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, हम ड्राइवरों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं सहित सभी श्रमिकों को जागरूकता कक्षाएं चला रहे हैं। कर्मचारियों को उनके काम के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। इस तरह की घटनाएं हमारे जिले में ही नहीं बल्कि राज्य में कहीं भी होनी चाहिए, ।”
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट (2018-19) के अनुसार, राज्य में 12 निगम, 124 नगर पालिकाएँ और 528 नगर पंचायतें हैं जिनमें प्रति दिन कुल 13,968 टन (TPD) ठोस कचरा पैदा होता है। इनमें से 12,850 टीपीडी (यानी 92 फीसदी) ठोस कचरा एकत्र किया जाता है और 7,196 टीपीडी (56 फीसदी) का ट्रीट किया जाता है।