8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद तमिलमनाडु और पुडुचेरी में कंपनियों और 200 से ज्यादा लोगों ने विभिन्न बैंक खातों में 600 करोड़ रुपए जमा किए। इनमें से ज्यादातार खाते तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों के हैं। इनमें से कुछ चेन्नई के भी है। इनकम टैक्स के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य के नामाक्कल जिले के तिरुचेनगोडे में रहने वाले एक शख्स ने इंडियन ओवरसीज बैंक की एक ब्रान्च में 246 करोड़ रुपए जमा किए हैं। इतने बड़ी रकम जमा किए जाने के बाद से ही वह शख्स आईटी डिपार्टमेंट के रडार पर था। पैसे जमा करने के बाद से विभाग उसके पीछे था और 15 दिन के बाद उसे पकड़ गया।

रिपोर्ट के मुताबिक पहले तो उसने पूरे मामले को छिपाने की कोशिश की, लेकिन कुछ दिन बाद वह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) से जुड़ने के लिए तैयार हो गया। वह व्यक्ति कुल रकम का 45 प्रतिशत टैक्स के रूप में देगा। अधिकारी ने टीओआई को बताया कि उसके द्वारा बैंक में जमा किए सभी नोट पुराने है अर्थात् सभी नोट 500 और 1000 रुपए के हैं। इसके कई अन्य लोगों और कंपनियों ने भी खाते में पैसे जमा किए हैं और अघोषित संपत्ति होने की बात की स्वीकार की है। ज्यादातर लोगों ने PMGKY स्कीम ज्वाइन कर ली है। यह योजना 31 मार्च को बंद हो रही है। विभाग की ओर से उम्मीद जताई गई है कि इस महीने के आखिर तक कुल अघोषित संपत्ति एक हजार करोड़ रुपए पहुंच जाएगी।

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना?
ब्लैकमनी पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने ब्लैकमनी को व्हाइट कराने के लिए एक योजना की शुरुआत की, जिसका नाम ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, रखा गया। इस योजना के तहत कालेधन को 50 फीसदी टैक्स देकर सफेद किया जा सकता है। यह योजना 31 मार्च 2017 तक चलेगी। बाकी की 25 फीसदी रकम 4 साल के लिए बैंक में ही जमा रहेगी जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। अघोषित आय के बारे में बताने वालों के नामों का खुलासा नहीं होगा। लेकिन सरकार ने चेतावनी दी है कि 31 मार्च 2017 के बाद जो पकड़े जाएंगे उनकी खैर नहीं है।