कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शनिवार को एक रैंक, एक पेंशन पर अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए एक रैंक, एक पेंशन स्वीकार कर चुकी थी और एक अप्रैल 2014 से उसको लागू करने का फैसला किया था। प्रधानमंत्री अब कह रहे हैं कि हम इसे सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर रहे हैं।
एंटनी ने कहा- फरवरी 2014 के बजट में यूपीए सरकार ने ओआरओपी को स्वीकार करने और पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ उसे एक अप्रैल 2014 से लागू करने की घोषणा की थी। हमने उसके कार्यान्वयन के लिए सभी फैसले ले लिए थे। वह लोगों के पेंशन की गणना के लिए निश्चित औपचारिकताएं पूरे करने का सवाल था।
उन्होंने ओआरओपी को लेकर प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 15 साल के बाद प्रधानमंत्री जैसा कोई व्यक्ति कह रहा है कि हम इसे सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर रहे हैं। यह पूर्व सैन्यकर्मियों के समुदाय के लिए बेहद निराशाजनक है।
एक रैंक एक पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों को निराश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लालकिले पर अपने भाषण में ओआरओपी के क्रियान्वयन के लिए कोई एक निश्चित समय सीमा नहीं दी लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संबंध में वार्ता अंतिम चरण पर है। उनकी टिप्पणी पर पूर्व सन्यकर्मियों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अपना विरोध प्रदर्शन तेज करने की घोषणा की है।
मोदी ने कहा- हर सरकार ने छोटे-मोटे वादे किए हैं लेकिन अभी तक मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया है। मेरे आने के बाद भी, मैं अभी तक ऐसा नहीं कर पाया हूं। मैं अपने सैन्यकर्मियों को आज फिर से भरोसा दिलाता हूं। हमने सैद्धांतिक रूप से ओआरओपी को स्वीकार कर लिया है लेकिन विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत जारी है।