देश में महंगाई दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगी होती खाद्य वस्तुओं ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में महंगाई पर एक टीवी डिबेट के दौरान सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि पार्टी ने झूठ बोलकर वोट लिया और फिर आम आदमी को महंगाई के बोझ तले दबा दिया।

टीवी डिबेट के दौरान एंकर ने सवाल किया कि क्या महंगाई को रोकने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं उसका असर आम आदमी पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है? जिसके जवाब में सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा, “12 फरवरी 2014 को बाबा गुमराही एक बहुत बड़े नेता ने कहा था कि काला धन जो विदेशी बैंको में रखा है उसे वापस लाया जाएगा और गिफ्ट के तौर पर उसका 5-10 प्रतिशत भारत के टैक्स पेयर्स को दिया जाएगा।”

घनश्याम तिवारी ने आगे कहा, “देश का प्रधानमंत्री वोट लेता है और कहता है कि अच्छे दिन आएंगे, दो करोड़ रोजगार आएगा, महंगाई कम होगी, पेट्रोल डीजल के दाम कम होंगे पर करता इसका उल्टा है।” उन्होंने आगे कहा, “रोजगार छिन जाते हैं, महंगाई बढ़ जाती है और पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छूने लगते हैं। ऐसे में यहां बैठकर एचएम चार-पांच लोग क्या इलाज कर देंगे?”

EPFO बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार: एंकर ने बीजेपी सांसद सैय्यद जफर इस्लाम से सवाल किया कि रेपो रेट बढ़ाया गया जिससे कर्ज की ब्याज दरें बढ़ गईं, बचत खाते में भी ब्याज दरें बढ़ गईं, ऐसे में EPFO बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार नहीं करना चाहिए था? जिसके जवाब में सैय्यद जफर इस्लाम ने कहा कि अगर ब्याज दर बढ़ गयी है तो रिटर्न ऑन इंटरेस्ट भी बढ़ जाएगा। वहीं, डिबेट के दौरान जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि मेहनतकश लोगों की गाढ़ी कमाई पर ब्याज दर कम करना, गरीब लोगों के साथ अन्नाय है। अगर आम लोगों का जीवन आप बेहतर नहीं बना सकते तो क्या फायदा।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के लगभग पांच करोड़ ग्राहकों के लिए 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जमा पर 8.1 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी है। यह ब्‍याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम स्‍तर पर है। इससे पहले मार्च में ईपीएफओ ने पीएफ जमा पर ब्याज को 2020-21 में 8.5 प्रतिशत से घटाकर 2021-22 के लिए 8.1 प्रतिशत करने का फैसला किया था।