Pakistani Nationals Leave India: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागिरक भारत छोड़कर पाकिस्तान जा रहे हैं। अटारी बॉर्डर पर दिल टूटने वाले और विदाई के खूब सारे दृश्य देखने को मिले हैं। फरहीन भी इन्हीं पाकिस्तानी नागरिकों में से एक हैं। उनका परिवार ऑटोरिक्शा से उन्हें छोड़ने बॉर्डर पर आया। अपने 18 महीने की बच्ची को सीने से कसकर पकड़े हुए फरहीन फूट-फूट कर रोती है। उसकी सास सादिया ऑटोरिक्शा के अंदर से कहती है, ‘उतर जा बेटा, उतर जा।’
25 अप्रैल को प्रतिबंध लागू होने के बाद से अब तक 787 पाकिस्तानी नागरिक अटारी बॉर्डर से जा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि 1,560 लोग सीमा पार कर भारत आए हैं। अटारी बॉर्डर पर लोगों की आंसू भरी विदाई गूंज रही है। महिलाएं अपने बच्चों को पकड़े हुए हैं और परिवार ज्यादा समय के लिए विनती कर रहे हैं। बॉर्डर पर ऑटो की काफी लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।
प्रयागराज के इमरान से फरहीन ने की थी शादी
दो साल पहले पाकिस्तानी नागरिक फरहीन ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के इमरान से शादी की थी और तब से रेगुलर वीजा पर भारत में रह रही हैं। वह कहती हैं, ‘मेरे बच्चे के पास भारतीय पासपोर्ट है। पाकिस्तान सरकार उसे आने नहीं देगी और भारत सरकार मुझे यहां रहने नहीं देगी। सरकारों को कम से कम छोटे बच्चों पर तो रहम करना चाहिए। उन्हें अपने माता-पिता के साथ जाने की इजाजत दी जानी चाहिए। बच्चे किसी के लिए खतरा कैसे हो सकते हैं।’ फरहीन कहती हैं कि मेरी बच्ची का ख्याल रखना।
फरहीन की सास अपने आंसूओं को पोंछते हुए कहती हैं, ‘हमने फरहीन के लिए लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया था। हालांकि सीमा पार होने वाली शादियों में कागजी कार्रवाई को लेकर हमेशा समस्याएं होती हैं, लेकिन हम इस तरह की किसी भी चीज के लिए कभी तैयार नहीं थे। बच्चा अपनी मां के बिना कैसे रहेगा।’ अटारी पर एक महिला इरा भी हैं। वह भी पाकिस्तानी नागरिक हैं और अपनी शादी के बाद से पिछले 10 सालों से दिल्ली में रह रही हैं।
कोविड महामारी के दौरान उनके लॉन्ग टर्म वीजा की लिमिट खत्म होने के बाद उन्हें भारत छोड़ना पड़ा और इस महीने की शुरुआत में ही उन्हें दिल्ली में अपने पति और बच्चे के पास जाने के लिए पांच साल का वीजा मिला। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने बच्चे से फिर से मिलकर बहुत खुश थी, लेकिन अब मैं वापस जा रही हूं। पहलगाम में जो हुआ वह गलत है। कोई भी इस तरह की घटना को कैसे सही ठहरा सकता है? हर तरह से, ऐसे अपराध करने वालों को सजा दी जानी चाहिए। लेकिन सरकारों को हमारे जैसे लोगों के बारे में सोचना चाहिए जिनके परिवार सीमा पार रहते हैं।’
समीरा ने भी बयां किया दर्द
कुछ ही मीटर की दूरी पर कराची की रहने वाली पाकिस्तानी नागरिक समीरा अपने पति रिजवान के साथ अटारी चेक पोस्ट पर जाने से कुछ मिनट पहले एक ढाबे पर बैठी हैं। समीरा पिछले साल सितंबर में अपने चाचा के परिवार से मिलने भारत आई थी और उसके तुरंत बाद रिजवान से शादी कर ली थी, अब गर्भवती है। वह रोते हुए कहती है, ‘कम से कम यहां जिनके रिश्तेदार हैं, उन्हें रहने दिया जाना चाहिए था।’
रिजवान ने कहा, ‘जब से हमें फोन आया है कि उसे पाकिस्तान वापस जाना होगा, तब से वह रो रही है। वह गर्भवती है। उसके लिए स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार को सभी नागरिकों को वापस जाने का आदेश जारी करने से पहले ऐसे मामलों के बारे में सोचना चाहिए था।’ आईसीपी पर भारतीय नागरिक और पाकिस्तान से आए लंबी अवधि के वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिक भी मौजूद हैं।
आईसीपी गेट पर अपने भाई और उसकी पत्नी का बेसब्री से इंतजार कर रही रुबीना ने कहा, ‘मेरे भाई और उनके दो बच्चे भारतीय नागरिक हैं, लेकिन उनकी पत्नी पाकिस्तानी नागरिक हैं। जब आतंकी हमला हुआ, तब वे अपने परिवार से मिलने गए थे। पाकिस्तानी अधिकारी उसे भारत आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं और मेरा भाई उसके बिना आना नहीं चाहता। देखते हैं क्या होता है।’ भारत-पाक के रिश्तों में तनाव के बीच PM नरेंद्र मोदी लेंगे CCPA और CCS की बैठक