ताइवान में लोगों को भूकंप के झटके लगे हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई है। हालांकि इस भूकंप से अभी तक कोई जन हानि नहीं खबर नहीं है। द्वीपीय देशों के मौसम विभाग की मानें तो ताइवान के पूर्वी शहर हुलिएन से 34 किमी दूर यह भूकंप आया है। वहीं इससे पहले ताइवान में गुरुवार की देर रात में भी भूकंप आया। भूकंप के झटके से ताइवान की राजधानी ताइपे की इमारतें हिल गई।

अब ताइवान ने इतने ताकतवर भूकंप को भी इसलिए झेल लिया क्योंकि उसकी इमारतें भूकंप रोधी है। 25 साल पुरानी गलतियों से ताइवान ने सीखा है। जानकारी के लिए बता दें कि 1999 में भी ताइवान में एक खतरनांक भूकंप आया था, उसमें 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। लेकिन उसके बाद से ही ताइवान ने अपनी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, बिल्डिंग को और ज्यादा सुरक्षित बनाया गया साथ ही लोग भी ज्यादा जागरूक हुए।

अभी हाल ही में पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में भूकंप के झटके आए थे। हालांकि तीव्रता 4.3 होने से कोई नुकसान की जानकारी नहीं मिली। हालांकि दुनिया के साथ ही भारत में भी भूकंप के झटके लगते रहे हैं। भूकंप का ज्यादा प्रभाव भारत में नहीं होता है।

दुनिया में भूकंप से सबसे बड़ी त्रासदी

दुनिया भर में भूकंप की घटनाएं आए दिन सुनने में आती रहती हैं। भूकंप की वजह से जन-धन की हानि भी होती है। कई बार भूकंप के चपेट में लाखों लोग होते हैं। साल 1556 में आए भूकंप की बात करें तो चीन के शानक्सी में आए इस भूकंप से करीब 8,30,000 से अधिक लोगों के मौत की जानकारी मिलती है। इसी तरह साल 1976 में भी चीन के तांगशान में भूकंप के वजह से करीब 6,55,000 लोगों के मरने की बात कही जाती है। बताया जाता है कि बीसवीं सदी का यह सबसे भयानक और घातक भूकंप था।

इस तरह से आते हैं भूकंप

भूकंप आने के बारे में बता दें तो धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये सभी 7 प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। ये सभी प्लेट्स एक दूसरे से टकराती हैं या फिर एक दूसरे से दूर जाती हैं तो इसी वजह से जमीन हिलने लगती है। जिसके कारण भूकंप आता है। दरअसल इसी प्लेटों के प्रभाव से हिलने वाली जमीन को भूकंप कहते हैं।