चर्चित तबरेज अंसारी केस में झारखंड पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा हटा ली है। पुलिस का कहना है कि यह हत्या जानबूझकर नहीं की गई थी और उसकी मौत सिर में चोट लगने के कारण नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई थी। हालांकि चार्जशीट और केस डायरी से पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल उठ रहे हैं। तबरेज अंसारी के चाचा और इस मामले में गवाह मोहम्मद मसरुर आलम ने भी अपने बयान में कहा है कि उसने सुना था कि भीड़ चिल्ला रही थी कि ‘इतना मारो कि मर जाए।’

मसरुर आलम ने अपने बयान में ये भी कहा था कि ‘तबरेज अंसारी पुलिस स्टेशन में चल भी नहीं पा रहा था और ‘बेहोशी’ की हालत में था। काफी कोशिशों के बाद वह अपनी आंखें खोल रहा था। आलम के अनुसार, वह अगले दिन उससे जेल में मिला था और वह रो रहा था। उसने मुझे बताया कि उसके सिर में काफी चोट लगी है और वह उसका इलाज कराने को कह रहा था।’

इस मामले में मसरुर आलम सहित कुल 24 गवाह हैं, जिनके बयान चार्जशीट में दर्ज हैं और उन्हें बीती 23 जुलाई को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था।

बता दें कि तबरेज अंसारी केस में दाखिल की गई चार्जशीट में इस बात का जिक्र है कि पोस्टमार्टम करने वाले बोर्ड ऑफ डॉक्टर्स का भी कहना है कि यदि विसरा रिपोर्ट में ‘जहर’ की पुष्टि नहीं होती है तो फिर मौत का कारण सिर में लगी चोट को माना जाएगा। वहीं केस डायरी के अनुसार, पुलिस ने विसरा रिपोर्ट आने से पहले ही आरोपियों के खिलाफ हत्या की धाराओं से हटाकर मामले को आईपीसी की धारा 304 के तहत दर्ज कर लिया है।

बता दें कि बीती 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खारसवां जिले के दातकिडीह गांव में चोरी के आरोप में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी को लोगों की भीड़ ने खंभे से बांधकर बुरी तरह से पीटा था। इस घटना का वीडियो क्लिप भी सामने आया था, जिसमें दिखाई दे रहा था कि भीड़ ने उसे ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे भी लगवाए।

घटना के बाद पुलिस ने तबरेज अंसारी को हिरासत में ले लिया था, लेकिन इसके 4 दिन बाद एक स्थानीय अस्पताल में उसकी मौत हो गई। अब बीती मंगलवार को झारखंड पुलिस ने तबरेज अंसारी मामले में आरोपियों को खिलाफ धारा 302 हटा ली। सरायकेला- खारसवां के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि “चार्जशीट से आईपीसी की धारा 302 हटाने की दो वजह हैं। पहली कि उसकी मौत मौके पर नहीं हुई.. और गांव वालों की अंसारी को मारने की मंशा नहीं थी। दूसरी वजह ये है कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर भी धारा 302 हटाई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है और सिर में चोट उतनी घातक नहीं थी। दूसरी मेडिकल ओपिनियन रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक और सिर में लगी चोट दोनों को बताया गया है। “