रेजांगला शौर्य दिवस। देश की तारीख में 18 नवंबर वीरता की इसी कहानी के नाम है। इस दिन को याद करते हुए योगेन्द्र यादव ने ट्वीट किया- आज #रेजांगला_शौर्य_दिवस है। एक अद्भुत शौर्य गाथा है। जब ११४ रणबांकुरों ने पर्याप्त हथियारों या गर्म कपड़ों के बिना लद्दाख की असंभव सर्दी में चीनी फौज का मुकाबला करते हुए प्राण न्यौछावर किए। अधिकांश शहीद मेरे इलाके से थे। लेकिन वे देश के सपूत थे, किसी इलाके या जाति मात्र के नहीं।
इस ट्वीट के लिए कई लोगों ने योगेन्द्र यादव को निशाने पर ले लिया।@Hanuman65037643 ने लिखा- सेना को भी जाति पाति मे घसीटोगे
वैसे एक यादव और भी हैं जिन्होंने निर्दोष निहत्थे कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं मुस्लिम वोटों के लिए
@patrakaar2017 ने जवाब दिया- आपने भी जातिवाद शुरु कर दिया? Pranaya Prakash
@Raisina_Hill ने पूछा कि आपने ये क्याेें लिख दिया कि मेेरे इलाके से थे?
आज #रेजांगला_शौर्य_दिवस है। एक अद्भुत शौर्य गाथा है। जब ११४ रणबांकुरों ने पर्याप्त हथियारों या गर्म कपड़ों के बिना लद्दाख की असंभव सर्दी में चीनी फौज का मुकाबला करते हुए प्राण न्यौछावर किए।
अधिकांश शहीद मेरे इलाके से थे। लेकिन वे देश के सपूत थे, किसी इलाके या जाति मात्र के नहीं। pic.twitter.com/vHREhLhcA5
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) November 18, 2019
बता दें कि लद्दाख की रेजांगला पोस्ट पर चीन के आक्रमण का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। 13वीं बटालियन कुमाऊं रेजिमेंट की सी कंपनी के 114 वीर सपूतों ने 1300 से ज्यादा चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे। इस लड़ाई का नेतृत्व भारत की ओर से मेजर शैतान सिंह ने किया था।
इसी विजय की सालगिरह पर सोमवार (18 नवंबर, 2019) को ट्विटर पर कई लोगों ने #Yadav_Shaurya_Divas हैशटैग के साथ ट्वीट किया। हालांकि, योगेन्द्र यादव ने इस हैशटैग का इस्तेमाल नहीं किया था।
योगेन्द्र यादव के अलावा कई नेताओं ने भी इस दिन को याद करते हुए ट्वीट किया। Tejashwi Yadav @yadavtejashwi नेे ट्वीट किया- आज ही के दिन 1962 के भारत-चीन युद्ध में #RezangLa में 120 वीर भारतीय जवानों ने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए 1300 चीनियों को मार गिराया था। उन वीर जवानों की याद में रेजांगला के चुशूल में अहीर धाम स्मारक भी बना हुआ है जो इन वीर सैनिकों की बहादुरी और साहस का गवाह है।
Akhilesh Yadav @yadavakhilesh ने लिखा- आज का दिन 1962 के चीनी आक्रमण के समय भारत के वीर सैनिकों की शहादत का दिवस है. ‘रेजांग ला’ के नाम से सैन्य इतिहास में दर्ज ये शहादत 100 से अधिक वीर सैनिकों व वीर नायक मानद कैप्टन रामसिंह यादव के विशिष्ट शौर्य के लिए सदैव याद की जायेगी. ‘रेजांग ला’ के शहीदों को हार्दिक नमन!
ट्विटर पर चल रही बातों से इतर, अगर आप यह जानना चाहते हैं कि मेजर शैतान सिंह ने किस तरह बहादुरी से 18 नवंबर की तारीख को इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराया तो यहां क्लिक कर पढ़िए उस लड़ाई का पूरा ब्योरा