नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को खुद झाड़ू लगाकर देश के अब तक के सबसे बड़े स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। इस पर 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान राजनीति से परे है और देशभक्ति से प्रेरित है। इस आलोचना को खारिज करते हुए कि उनकी सरकार हर उपलब्धि का श्रेय ले रही है, मोदी ने भारत को स्वच्छ बनाने में पूर्व की सभी सरकारों के प्रयासों को स्वीकार किया।

उन्होंने कहा-मैं राजनीति की बात नहीं कर रहा। यह राजनीति से परे है। यह मेरी देशभक्ति से प्रेरित है, न कि राजनीति से। हम यह राजनीति के उद्देश्य से नहीं कर रहे। मैं सच्चे दिल से कहता हूं। अगर हम इसे राजनीतिक रंग देंगे तो हम भारत मां के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। राजपथ पर उन्होंने इस पंचवर्षीय अभियान की औपचारिक शुरुआत की जिसके दायरे में 4,041 नगर होंगे। इस अवसर पर अपने 25 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा कि इस देश की सभी सरकारों ने इस कार्य के लिए कुछ न कुछ किया है। कई राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने इस दिशा में काम किया है। जिन्होंने काम किया, मैं उन सबको बधाई देता हूं।

लोगों को भारत को स्वच्छ बनाने की शपथ दिलाते हुए मोदी ने कहा कि यह दायित्व केवल सफाई कर्मचारियों या सरकार का नहीं, बल्कि सभी 125 करोड़ भारतीयों का है। उन्होंने कहा कि गुरुवार के अभियान को महज फोटो खिंचवाने के अवसर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने यहां सफाई कर्मियों की कालोनी वाल्मीकि बस्ती में खुद झाड़ू लगाकर एक फुटपाथ को साफ किया।

मोदी ने कहा कि वे जानते हैं कि कुछ दिनों में कार्यक्रम की आलोचना शुरू हो जाएगी, लेकिन उन्हें विश्वास है कि देश के लोग उन्हें निराश नहीं करेंगे। दो अक्तूबर 2014 से सभी 4,041 सांविधिक शहरों में शुरू हो रहे मिशन का नगरीय तत्त्व पांच साल तक कार्यान्वित रहना प्रस्तावित है। मंत्रिमंडल ने पिछले महीने गांवों में साफ-सफाई के अभियान ‘निर्मल भारत अभियान’ का विलय ‘स्वच्छ भारत’ मिशन में करने का फैसला किया था। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की इस आलोचना का जवाब दिया कि सरकार ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे कि सब कुछ उसके सत्ता में आने के बाद हुआ है।

उन्होंने कहा- मैं कोई दावा नहीं करता कि जो सरकार अभी-अभी निर्वाचित हुई है, उसने सबकुछ किया है। कांग्रेस मोदी पर यह आरोप लगाकर हमले कर रही है कि वह यूपीए शासन में शुरू किए गए कार्यों का श्रेय ले रहे हैं और यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हर अच्छा काम केवल उन्होंने किया है। यह याद करते हुए कि उन्होंने लाल किले की प्राचीर से सभी सरकारों को बधाई दी थी, मोदी ने कहा कि गुरुवार को भी इस मंच से, मैं सभी सरकारों-केंद्र, राज्य, और निगमों, सामाजिक संगठनों को बधाई देता हूं और नमन करता हूं जिन्होंने इस दिशा में काम किया है। चाहे वे सर्वोदय के नेता हों या सेवा दल के कार्यकर्ता हों। मैं उनके आशीर्वाद से इस कार्यक्रम को शुरू करता हूं।

मोदी ने कहा कि हर कोई प्रशंसा का हकदार है और मुद्दे को राजनीतिक नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा-हमारे सामने हर किसी ने इसके लिए काम किया है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इसकी अगुआई की थी। कौन सफल रहा, कौन नहीं। हमें इस विवाद में नहीं पड़ना चाहिए कि यह किसने किया है, किसने नहीं किया है। हमें जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए। इस बात पर अफसोस जाहिर करते हुए कि ग्रामीण इलाकों में 60 फीसद आबादी अब भी खुले में शौच के लिए जाती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि शौचालय सुविधाओं के अभाव में महिलाओं की परेशानी को दूर करना होगा।
मोदी ने कहा कि उन्होंने निगमों से आग्रह किया है कि वे सामूहिक सामाजिक दायित्व के तहत खासकर स्कूलों में स्वच्छ शौचालय बनाने के लिए योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि भारत को विदेशों से सीखना चाहिए जहां लोग सार्वजिनक स्थलों को गंदा नहीं करते। प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि यह कठिन काम है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है और उसके लिए लोगों को अपनी आदतें बदलनी होंगी। मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया और मिशन के लिए शुरू की गई वेबसाइट पर एक अभियान शुरू किया गया है और वे अपने ट्विटर एकाउंट पर अभियान के बारे में ट्वीट कर रहे हैं।

यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि राष्ट्र विश्व के सबसे साफ देशों में से एक बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है, मोदी ने कम लागत पर मंगल मिशन की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत के लोग कम खर्च में मंगल पर पहुंच सकते हैं तो वे अपने गली-मोहल्लों को साफ क्यों नहीं रख सकते। मोदी ने लोगों से मिशन को सफल बनाने की जिम्मेदारी लेने को कहा। उन्होंने पूछा कि क्या इस काम को केवल सरकार के जिम्मे छोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा-अगर हम इसे एक जनआंदोलन बना दें तो हम अपने देश की गिनती सबसे साफ राष्ट्रों की सूची में करा सकते हैं।

इससे पहले मोदी महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उनकी समाधियों पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि देश के लोगों ने राष्ट्रपिता के एक नारे को साकार करते हुए आजादी को तो हासिल कर लिया, लेकिन अब उनके दूसरे दृष्टिकोण स्वच्छ भारत को साकार करने की जरूरत है। उन्होंने इस अवसर पर दो लोगों महाराष्ट्र से अनंत और गुजरात से भाग्यश्री की तारीफ भी की जिन्होंने क्रमश: अभियान के लोगो (गांधी जी का चश्मा) और नारा ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’ तैयार किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा-मैं देख रहा हूं कि गांधी इस चश्मे से देख रहे हैं कि हमने भारत को स्वच्छ बनाया है या नहीं, हमने क्या किया है और क्या नहीं किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में एक व्यक्ति को बीमारी और खराब स्वास्थ्य की वजह से हर साल करीब 6,500 रुपए का नुकसान होता है क्योंकि वह अपने रोजाना के कामकाज निपटाने में असमर्थ होता है। अगर परिवेश को स्वच्छ रखा जाता है तो लोग स्वस्थ रहेंगे और इस तरह के नुकसानों को कम किया जा सकता है।