राज्यसभा में बुधवार को उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई जब सदन में जबरन घुसने कोशिश कर रहे TMC के निलंबित सांसद के हाथों दरवाजे का कांच टूट गया। इन सांसदों को अनुचित आचरण के लिए सदन से एक दिन के लिए निलंबित किया गया था। निलंबन के बाद सांसद राज्यसभा की ल़ॉबी में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान सदस्यों ने राज्यसभा में घुसने की कोशिश की। इस कोशिश के दौरान वहां लकड़ी के दरवाजे पर लगा कांच टूट गया और एक महिला सुरक्षाकर्मी घायल भी हो गई।
राज्यसभा सचिवालय की संसद सुरक्षा सेवा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बुधवार को निलंबित छह सांसद, जिसमें बोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर ने राज्यसभा कक्ष के बाहर नारेबाजी करना शुरू कर दिया और इन सांसदों को कक्ष में घुसने से रोकने के लिए सुरक्षा अधिकारी लगाने पड़े।
बयान में कहा गया है, “जब दोपहर 2 बजे राज्यसभा सदन फिर से शुरू हुआ, तो वही सदस्य राज्यसभा की लॉबी के पास बने स्नैक्स काउंटर पर एकत्रित हो गए और राज्यसभा चैंबर में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। जिसको देखते हुए जब पीएसएस अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। रोके जाने के बाद उन्होंने सदन की शेष कार्यवाही के दौरान स्नैक्स काउंटर पर ही रुकने का फैसला किया।
कुछ देर बार जब सदन स्थगित हो गया तो उसी वक्त यह सदस्य फिर से अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। तब तक वहां संसद सुरक्षा सेवा के और अधिकारी भी पहुंच गए। जोकि चैंबर खाली होने और उसकी साफ सफाई और सुरक्षा की जांच शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।
चंदर कला, सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) ने अपनी शिकायत में कहा कि चैंबर के अंदर जबरदस्ती घुसने की कोशिश करते हुए माननीय सदस्य अर्पिता घोष ने राज्यसभा के इनर लॉबी के तीसरे गेट के लकड़ी के दरवाजे पर अपना मोबाइल फेंर कर मारा जिसके कारणे कांच टूट गया औऱ मुझे कुछ चोटें आईं। वहां मौजूद टीम ने ASO का इलाज सेंट्रल हॉल में कराया।
इस मामले की गूंज आज भी सुनाई दी। राज्यसभा में अधिकारी की शिकायत सभापति एम वेंकैया नायडू विचार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने उपसभापति पर घटना की गलत नैरेटिव के समर्थन करने का आरोप लगाया।