बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव पर तंज कसने का मौका इन दिनों नहीं चूक रहे। गुरुवार (13 जुलाई) को इंडियन एक्सप्रेस के खास कार्यक्रम एक्सप्रेड अड्डा में शामिल हुए तो उन्होंने सीबीआई और इनकम टैक्स द्वारा लालू यादव एवं उनके परिवार के लोगों के खिलाफ की जा रहे जांच विषय पर बोलते हुए यहां तक कहा दिया कि हो सकता है लालू को अपने बच्चों का आधिकारिक नाम तक न याद हो। सुशील मोदी के अनुसार खुद लालू प्रसाद यादव को नहीं पता कि उनके पास कितनी संपत्ति है।
लालू यादव, तेजस्वी यादव, मीसा भारती इत्यादि पर भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े सवाल पर सुशील मोदी ने कहा, “लालू प्रसाद को घेरना बहुत मुश्किल नहीं है। उनका रवैया ढुलमुल है। संभव है उन्हें अपने बच्चों का आधिकारिक नाम तक न पता हो। उन्हें नहीं पता है कि उनके पास कितनी जायदाद है।” सुशील मोदी ने इस बात की तरफ भी इशारा किया कि लालू यादव के खिलाफ दस्तावेज उन्हें नीतीश कुमार में शामिल लोग उपलब्ध करा रहे हैं।
सुशील मोदी ने बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस गठबंधन के बीच दरार की खबरों को हवा देते हुए कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन में ज्यादा सहज रहते हैं। लेकिन क्या बीजेपी जदयू से गठबंधन करके बिहार में सरकार बनाने की तैयारी में है? इस पर सुशील मोदी ने कहा कि ये वक्त बताएगा। हालांकि उन्हें ये जरूर कहा कि बिहार का महागठबंधन जल्द नहीं टूटने वाला है, इसमें छह महीने से एक साल लगेगा। सुशील मोदी ने कहा, “लालू प्रसाद वो आखिरी आदमी होंगे जो चाहेगा कि गठबंधन टूटे। अगर तेजस्वी यादव को सरकार से हटा भी दिया जाए तो ये सरकारी बनी रहेगी। भले ही विकलांग हो जाए लेकिन लालू इसे गिराने की कोशिश नहीं करेंगे।”
सुशील मोदी ने पिछले कुछ महीनों में लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं। हाल ही में सुशील मोदी ने वर्तमान बीजेपी सांसद रमा देवी द्वारा लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को दो दशक पहले कथित तौर पर दान दी गई जमीन का मामला उजागर किया। उस समय तेज प्रताप की उम्र तीन-चार साल थी और रमा देवी के पति बृजबिहारी प्रसाद लालू यादव की राजद सरकार में मंत्री थे। रमा देवी भी राजद के टिकट पर सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं। उनकी पति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रमा देवी बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं। हालांकि राजद और लालू परिवार रमा देवी से जमीन दान लेने को आरोप को गलत बताता है।
वहीं सीबीआई ने साल 2006 में लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान दो होटलों की देखरेख के ठेके के बदले पटना के एक होटल कारोबारी से जमीन लेने के कथित आरोप में एफआईआर दर्ज की है। लालू यादव के अलावा उनके बेटे तेजस्वी यादव समेत सात लोगों को इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। तेजस्वी का नाम एफआईआर में आने के बाद उनपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है लेकिन लालू यादव और उनकी पार्टी ने साफ कहा है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे।

