अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने खुशी व्यक्त की है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया के दौरान बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से रिया चक्रवर्ती की तरफ से बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर टिप्पणी से जुड़ा सवाल किया गया।
इस पर गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री पर करने की औकात रिया चक्रवर्ती की नहीं है। रिया चक्रवर्ती की औकात नहीं है बिहार के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने की। उन्होंने आगे कहा कि पटना पुलिस जो कर रही थी वो बिल्कुल कानूनी तरीके से, संवैधानिक तरीके से, सही काम कर रही थी। डीजीपी ने आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने जो सपोर्ट किया, आज सुशांत को अगर न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, इस मुकाम तक लड़ाई पहुंची है वह बिहार के मुख्यमंत्री के सपोर्ट के कारण है।
बिहार के डीजीपी के बयान पर लोगों ने उनकी जबरदस्त खिंचाई की। यूजर @NEETAS11 ने लिखा कि ये हैं भारत की पढ़ी लिखी नौकरशाही। वहीं, एक अन्य यूजर @k_kotur_ ने लिखा कि ऐसा लग रहा है जैसे कोई मंत्रालय लेने की तैयारी में हों। यूजर @ChetanMbachetan ने लिखा कि जल्द ही यह राजनीति में शामिल होने वाले हैं।
ये हैं भारत की पढ़ी लिखी नौकरशाही …..#औक़ात !! #bureaucracy https://t.co/8kHybC6KB7
— Neeta Sharma (@NEETAS11) August 19, 2020
यूजर @FarziHumour ने लिखा कि नौकरशाह ना सही एक सांसद प्रत्याशी तो बोल ही सकता है। यूजर @SarikaSharma25 ने लिखा कि जिससे टिकट मिलना है उसकी जी हुजूरी जरूरी है। वैसे भी रिया उनकी बेटी थोड़ी ही है, या शायद बेटी जैसी भी।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को कथित रूप से आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ पटना में दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई को सौंपने के बिहार सरकार के निर्णय को बुधवार को बरकरार रखा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले को जांच के लिये सीबीआई को सौंपने में सक्षम है। जस्टिस ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका पर अपने फैसले में कहा कि राजपूत के पिता की शिकायत पर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी सही है और इसे सीबीआई को सौंपना विधिसम्मत है।
रिया चक्रवर्ती ने पटना के राजीव नगर थाने में दर्ज इस मामले को मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।