भारत में शादी को सात जन्मों का पवित्र रिश्ता माना जाता है। शादी का मतलब दो लोग सात जन्मों के बंधन में बंध गए। जीवनसाथी के अलावा किसी और के बार में सोचना भी यहां पाप माना गया है। भारत में रिश्तों को लेकर विदेशी कल्चर नहीं है। यहां पति-पत्नी अपने रिश्ते को निभाने के लिए पूरी ईमानदारी बरतते हैं। वे इस पवित्र रिश्ते की वैल्यू को समझते हैं। हालांकि भारतीय शादीशुदा लोगों को लेकर हुई एक रिसर्च के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
60 प्रतिशत लोग बाहर चला रहे अफेयर
इस सर्वे के अनुसार, भारत के 60 प्रतिशत शादीशुदा लोग बाहर अफेयर करना चाहते हैं। इसके लिए वे डेटिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे किसी दूसरे के ख्यालों में खोए हुए हैं। वे दूसरे के साथ डेट पर जाना चाह रहे हैं।
ग्लीडेन डेटिंग ऐप के सर्वे के अनुसार, 60 प्रतिशत शादीशुदा कपल, कमिटेड कपल, रिलेशनशिप में रहने वाले कपल स्विंगिंग (एक यौन गतिविधि जिसमें पार्टनर्स मनोरंजन के लिए दूसरों के साथ यौन संबंध बनाते हैं) की तरफ बढ़ रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि डेटिंग ऐप ग्लीडेन के एक रिसर्च में कहा गया है। रिसर्च के अनुसार, भारतीय समाज में शादीशुदा लोग अपने पार्टनर के साथ बेवफाई कर रहे हैं।
शोध से पता चला कि 60 प्रतिशत से अधिक शादीशुदा लोग डेटिंग के अलग-अलग तरीकों को अपना रहे थे। वे स्विंगिंग कर रहे थे। वे स्विंगिंग को खुले दिल से अपना रहे थे ताकि वे खुद को एंटरटेन कर सकें।
हमारे समाज में शादी और प्रेम को हमेशा सम्मान दिया गया है। इस रिश्ते को पवित्र माना जाता है। यहां लोग मरते दम तक अपने रिश्ते में ईमानदारी बनाए रखते हैं। शादी रस्मों और वचन को याद रखते हैं। वे पार्टनर के साथ बेवफाई नहीं करते। ऐसे में ये आंकडें वाकई हैरान करते हैं।
बता दें कि बेवफाई का मतलब सिर्फ किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से नहीं है बल्कि इमोशनल कनेक्शन से भी होता है। यानी अगर कोई अपने पार्टनर के अलावा किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है तो यह धोखा ही होता है।
46 प्रतिशत पुरुष बाहर करते हैं अफेयर
ग्लीडेन ऐप के रिसर्च के अनुसार, सर्वे में सामने आया कि 46 प्रतिशत पुरुष बाहर अफेयर चलाते हैं। सोशल मीडिया के जरिए लोग ऑनलाइन एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि 36 प्रतिशत महिलाएं और 35 प्रतिशत पुरुषों वर्चुअल फ़्लर्टिंग करते हैं। वहीं 33 से 35 प्रतिशत लोग अपने साथी के अलावा किसी और के सपने देखते हैं। वैसे भी अपने साथी के अलावा किसी और की कल्पना करना आम बात माना जाता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि 33 फीसदी पुरुष और 35 फीसदी महिलाएं खुलेआम ऐसी कल्पना करने की बात स्वीकारती हैं। कुल मिलाकर ग्लीडेन के नए आंकड़ें बताते हैं कि इस समय में किस तरह के नए रिश्ते विकसित हुए हैं। पहले के समय में ऐसे रिश्तों को नकार दिया जाता था।