सरनेम विवाद मामले में सूरत कोर्ट ने गुरुवार (23 मार्च, 2023) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा था कि मैंने जो कुछ भी कहा वह जानबूझकर नहीं था। वकील जिग्नेश ने बताया कि जज ने राहुल गांधी को कटघरे में बुलाकर कहा, “आपको मामले में दोषी पाया गया है, आप क्या कहना चाहते हैं। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं देश के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं। जो कुछ भी मैंने बोला वह जानबूझकर नहीं बोला था, बाकी मेरे वकील बताएंगे।”

राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने से पहले वकील जिग्नेश ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि उनके वकील ने सांसद के लिए कम से कम सजा की मांग की थी, लेकिन बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि इससे लोगों में गलत संदेश जाएगा इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए।

क्या बोले थे राहुल गांधी के वकील?

वकील ने कहा, “राहुल गांधी के वकील ने कहा हम दया नहीं मांग कर रहे हैं , हम अपील कर रहे हैं। राहुल गांधी ने जो कुछ भी था, वह जानबूझकर नहीं था। शिकायतकर्ता या किसी अन्य व्यक्ति को इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसलिए राहुल गांधी को कम से कम सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं और देश के सारे कानून संसद में बनते हैं। अगर उन्हें कम सजा दी जाती है तो समाज में गलत संदेश जाएगा कि कानून बनाने वालों को कम सजा मिलती है। इसके बाद अभियोजन पक्ष ने मामले में अधिकतम सजा की मांग की।”

कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने पर कांग्रेस ने कहा कि सच बोलने और सरकार के काले कारनामों को उजागर करने की सजा मिल रही है, लेकिन राहुल बिना डरे सच बोलते रहेंगे। पार्टी यह भी कहा कि वह कानून के तहत लड़ाई लड़ेगी और अदालत के इस फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।”