नई दिल्ली। भाजपा और शिवसेना के बीच तल्ख संबंधों के कारण अनिल देसाई मुंबई से दिल्ली तो पहुंचे पर हवाई अड्डे से ही बैरंग मुंबई लौट गए। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शिवसेना के एकमात्र प्रतिनिधि अनंत गीते को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा शनिवार रात मुंबई तलब किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया।

अनंत गीते मोदी से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया। इस पर गीते ने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या शिवसेना केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार का हिस्सा बनेगी। शिवसेना भाजपा से चाहती थी कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार में उसके शामिल होने को लेकर अनसुलझे मुद्दों को पहले सुलझाना चाहिए।

शिवसेना को जबरदस्त झटका देते हुए मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे शिवसेना नेता और चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश प्रभु फिर सरकार में शामिल कर लिया। सुरेश ने वाजपेयी सरकार में विद्युत मंत्रालय के कामकाज को नई दिशा देकर काफी वाहवाही बटोरी थी।

तटीय कोंकण क्षेत्र से आने वाले 61 वर्षीय बैंकर से नेता बने सुरेश प्रभु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में चढ़े हुए थे। विद्युत क्षेत्र में बदलाव के लिए बनाए गए सरकारी पैनल ‘बिजली, कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा विकास संबंधी सलाहकार समूह’ के प्रमुख पद पर उन्हें नियुक्त किए जाने से ही यह संकेत मिल रहे थे कि वह मोदी की ‘गुड बुक’ में हैं। प्रभु को ब्रिस्बेन में होने वाली समूह 20 की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री की सहायता के लिए मोदी का ‘शेरपा’ भी नियुक्त किया गया है।

महाराष्ट्र की राजनीति में पहले से ही ऐसी खबरें चल रही थीं कि राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना, दोनों पूर्व सहयोगियों के बीच बने गतिरोध के बावजूद मोदी प्रभु को केंद्र में देखना चाहते हैं। प्रभु नदियों को जोड़ने के लिए बनाए गए कार्यबल के अध्यक्ष भी थे। उन्हें विश्व बैंक संसदीय नेटवर्क का सदस्य चुनने के साथ ही दक्षिण एशिया जल सम्मेलन का अध्यक्ष भी नामित किया गया था।