आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हामी भर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर आज ED और CBI को नोटिस जारी किया है।
मनीष सिसोदिया के वकील ने तर्क दिया था कि वह (मनीष सिसोदिया) 16 महीने से जेल में बंद हैं मुकदमा उसी स्थिति में जो 2023 में था। जस्टिस बीआर गवई, संजय करोल और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि मामले की सुनवाई अब 29 जुलाई को होगी।
8 जुलाई को लगाई गई थी याचिका
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने 8 जुलाई को भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने मनीष सिसोदिया की तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन का उल्लेख किया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में हैं और मुकदमा पूरा होना चाहिए। इसके बाद मामले को 11 जुलाई को जस्टिस संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, न्यायमूर्ति संजय कुमार द्वारा मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लेने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित हो गई थी।
मनीष सिसोदिया दिल्ली हाईकोर्ट के 21 मई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसके तहत उनकी दूसरी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
वह कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों में जमानत मांग रहे हैं। उन्हें पिछले साल 26 फरवरी और 9 मार्च को सीबीआई और ईडी ने पहली बार गिरफ्तार किया था। दिल्ली के ,मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद हैं।