Supreme Court Verdict on Ayodhya Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2.77 एकड़ जमीन अब रामलला विराजमान को सौंप दी गई है। 491 साल पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में इस फैसले के बाद तय हो गया है कि राम मंदिर अयोध्या में ही बनेगा। ऐसे में अब मंदिर के स्वरूप और निर्माण की प्रक्रिया को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
…ऐसे बनेगा मंदिरः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने में एक ट्रस्ट का गठन करने का आदेश दिया है। यही ट्रस्ट मंदिर के निर्माण का काम देखेगा। इस ट्रस्ट में रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा दोनों शामिल होंगे। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने राम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दी है।
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128 फीट ऊंचा होगा मंदिरः शर्मा के मुताबिक, ‘प्रस्तावित मंदिर 265 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा और 128 फीट ऊंचा होगा। मंदिर की दीवारें 6 फीट मोटे पत्थर से बनी होंगी। वहीं चौखट को सफेद संगमरमर से बनाया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम जारी है। अब तक इतनी तैयारी हो चुकी है कि काम शुरू होते ही मंदिर की पहली मंजिल का निर्माण बिना रूके पूरा हो जाएगा। मंदिर का मॉडल 1989 में अहमदाबाद के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने तैयार किया था।’
मंदिर निर्माण के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से जुटे कारीगरों ने अब तक करीब एक लाख घनफुट पत्थर तराश दिया है। वास्तु के लिहाज से देखा जाए तो मंदिर के आग्नेय कोण में हनुमानजी भी विराजित होंगे, जबकि पीछे सरयू नदी प्रवाहित होगी।
दोनों फ्लोर पर लगेंगे 106 खंभेः प्राप्त जानकारी के मुताबिक भगवान राम का प्रस्तावित मंदिर दो मंजिला होगा। हर फ्लोर पर 106 खंभे लगेंगे। ग्राउंड फ्लोर के खंभे साढ़े 16 फीट ऊंचे होंगे। इन खंभों के ऊपर 3 फीट मोटे पत्थर की बीम और एक फीट मोटे पत्थर की छत होगी। ऊपर की मंजिलों के खंभे साढ़े 14 फीट ऊंचे होंगे।

