सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से अपना पता बताने को कहा और साथ ही कहा कि ‘‘जब तक हमें यह नहीं पता चल जाता कि आप कहां हैं तब तक कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी, कोई सुनवाई नहीं होगी।’’ जज ने उनके वकील को सिंह का पता बताने के लिए कहा और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख तय कर दी।

जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि सुरक्षा देने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए दायर की गयी है। बेंच ने कहा कि आप सुरक्षात्मक आदेश देने का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं जानता कि आप कहां हैं। मान लीजिए आप विदेश में बैठे हैं और पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कानूनी सहारा ले रहे हैं तो क्या होगा।

कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा है, तो अदालत यदि आपके पक्ष में फैसला देती है तभी आप भारत आयेंगे होगा, हम नहीं जानते कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है। जब तक हमें यह पता नहीं चल जाता कि आप कहां हैं, तब तक कोई सुरक्षा नहीं, कोई सुनवाई नहीं होगी।’’

जज ने कहा कि याचिका पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए दायर की गयी है। आप कहां हैं। आप देश में हैं या देश से बाहर? आप कहां हैं। पहले जब हमें पता चलेगा कि आप कहां हैं तभी हम आगे कुछ करेंगे? मुंबई में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को सिंह को उनके खिलाफ दर्ज वसूली मामले में ‘‘भगोड़ा अपराधी’’ घोषित किया।

सिंह इस साल मई में आखिरी बार ऑफिर आए थे जिसके बाद वह छुट्टी पर चले गए। राज्य पुलिस ने बंबई हाई कोर्ट को पिछले महीने बताया कि सिंह के बारे में उसके पास कोई जानकारी नहीं है।