सुप्रीम कोर्ट ने आज पराली जलाने से दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर की और केन्द्र और राज्य सरकारों को फटकार भी लगायी। अब भारतीय किसान यूनियन की इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया आयी है। दरअसल किसान यूनियन ने कहा है कि ‘जब तक किसानों के खाते में सब्सिडी नहीं आएगी, तब तक वो ऐसे ही पराली जलाते रहेंगे।’ बता दें कि भारतीय किसान यूनियन, पंजाब के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने अपने एक बयान में कहा कि ‘हम सुप्रीम कोर्ट के पराली जलाने वाले फैसले से दुखी हैं।’
लाखोवाल ने कहा कि “हम सीधे या परोक्ष रुप से इसके लिए सब्सिडी की मांग कर रहे हैं, जो हमें नहीं मिल रही है। जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती है, तब तक हम पराली जलाते रहेंगे।” बता दें कि भारतीय किसान यूनियन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंद्ध संगठन है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में हरियाणा, पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने और उससे दिल्ली में होने वाले प्रदूषण पर चिंता जाहिर की थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA) की रिपोर्ट को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि दिल्ली और केन्द्र सरकार सिर्फ एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं। हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसानों द्वारा पराली जलाने पर सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “यदि लोग पराली जलाना बंद नहीं कर सकते और प्रदूषण के बारे में नहीं सोच रहे हैं, तो फिर वह अपने अन्य अधिकारों पर दावा भी नहीं कर सकते।”
कोर्ट ने ये भी कहा कि यदि पराली जलाना जारी रहता है तो इसके लिए राज्य सरकारें भी जिम्मेदार हैं। यह एक यातना है और सभी अधिकारी, जिसमें ग्राम प्रधान स्तर के लोग भी शामिल हैं, इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जाने चाहिए। हमें इस बारे में कुछ करना चाहिए। राज्य सरकारें मजाक बना रही हैं। अब इसके लिए ऊपर से लेकर नीचे तक जिम्मेदारी तय की जाएगी।

