केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने एक नोटिस जारी किया है। एसिड अटैक सरवाइवर्स ने डिजिटल केवाईसी की मांग को लेकर एक याचिका दायर की थी। उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने खुद इस मामले की सुनवाई की और कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक समावेशी डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया लाने के लिए दिशानिर्देश देने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस दिशानिर्देश में एसिड अटैक सरवाइवर्स और आंख गंवाने वाले व्यक्तियों को भी शामिल किया जाए। वहीं मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

जानिए क्या है पूरा मामला?

9 एसिड अटैक सरवाइवर्स ने याचिका दायर की और कहा कि अगर वह इस हमले में किसी भी तरह से बच भी गए तो उनका जीवन खत्म नहीं हो जाता है। उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एसिड अटैक सरवाइवर्स ने कहा कि बैंक अकाउंट खोलने से लेकर सिम कार्ड खरीदने तक उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में केंद्र सरकार केवाईसी के लिए एक अलग से दिशानिर्देश दे।

एसिड अटैक सरवाइवर्स के सामने आ रही ये मुश्किलें

याचिका दायर करते हुए एक एसिड अटैक सरवाइवर रेशमा खातून ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि रोजमर्रा की जिंदगी में उन्हें सिम कार्ड लेने से लेकर बैंक अकाउंट खुलवाने बैंकिंग कार्यों को करने और आधार कार्ड बनवाने में तमाम तरह की की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा था कि ऐसे में उन्हें पति भाई या किसी परिजन के नाम पर सिम लेने या अकाउंट खुलवाने के लिए कहा जाता है।

उन्होंने ने बताया था किआधार बनवाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और जब उनका आधार ही नहीं बन पाएगा तो ऐसे में उनकी पहचान कैसे हो पाएगी। पीड़ितों ने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बात सुनी है और केंद्र को नोटिस भेजा है।