सात साल पहले एक शख्‍स को थप्‍पड़ मारने वाले गोविंदा ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्‍मान करते हैं और अंतिम निर्णय कोर्ट की टिप्‍पणी देखने के बाद ही लेंगे। उन्‍होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला कोई नहीं ठुकरा सकता। पर मुझे हैरानी है कि शिकायतकर्ता ने मामले को इतना लंबा खींचा। उसे किसी न किसी का राजनीतिक समर्थन हासिल होगा। मैंने कभी किसी को ठेस नहीं पहुंचाई और न ही उस आदमी को कानूनी चुनौती दी थी। मैं तो बस उसे सबक सिखाना चाहता था।’ गोविंदा ने मंगलवार को मुंबई में मीडिया से यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गोविंदा को माफी मांगने और कोर्ट से बाहर मामला सुलझा लेने की सलाह दी थी। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाता और दोष साबित होने पर उन्‍हें दो साल तक की जेल हो सकती थी।

वीडियो देख कर एक्‍टर गोविंदा से सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फिल्‍मी सीन जिंदगी में मत दोहराइए, माफी मांगिए: सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिल्‍मी पर्दे पर दिखाए जाने वाले एक्‍शन सीन असल जिंदगी में दोहराए जाने की जरूरत नहीं है। जस्टिस टी.एस. ठाकुर की अगुआई वाली पीठ ने पहले 2008 में हुई घटना का वीडियो क्लिप मोबाइल पर देखा। उसके बाद शिकायतकर्ता संतोष राय से माफी मांगने की सलाह दी। जज ने कहा, ‘आप बड़े हीरो हैं। अब अपना दिल भी बड़ा कीजिए।’ पीठ ने गोविंदा को सलाह दी कि आपको संतोष राय के साथ विवाद सुलझा लेना चाहिए। राय ने उनके खिलाफ थप्‍पड़ मारने की शिकायत करते हुए उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

राय की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘फिल्‍म स्‍टार को सार्वजनिक जगह पर झगड़े में नहीं उलझना चाहिए। अभिनेता को फिल्‍मी सीन असल जिंदगी में नहीं दोहराना चाहिए। हमें आपकी फिल्‍में देख कर मजा आता है, पर आप किसी को थप्‍पड़ मारें यह हम बर्दाश्‍त नहीं कर सकते।’ यह कहते हुए कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की अगली तारीख 9 फरवरी मुकर्रर कर दी। संतोष राय ने यह अपील बॉम्‍बे हाईकोर्ट के 2013 के फैसले के खिलाफ की है।

संतोष राय की शिकायत के मुताबिक वह 16 जनवरी, 2008 को गोविंदा की‍ फिल्‍म ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर शूटिंग देखने गए थे। वहीं उन्‍होंने उन्‍हें थप्‍पड़ मारा। संतोष की शिकायत पर ट्रायल कोर्ट ने गोविंदा के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ गोविंदा हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि राय गोविंदा के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस ले लें। हाईकोर्ट के मुताबिक यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि गोविंदा ने आपराधिक प्रवृत्ति के चलते ऐसा किया था।

संतोष का कहना है कि एक्टर ने उसे सरेआम थप्पड़ मारा था। उसने कहा, ‘मैं मुंबई एक्टर बनने आया था, लेकिन थप्पड़ के कारण मेरी बेइज्जती हुई। मैं मानसिक तौर पर परेशान रहने लगा। मेरा करियर चौपट हो गया। सात साल बाद सिर्फ सॉरी कहने से काम नहीं चलेगा। कोर्ट चाहता है इसलिए मैं बाहर मामला सुलझाने को तैयार हूं, लेकिन कोर्ट गोविंदा को मुआवजा देने का भी आदेश दे। मैं सिर्फ सॉरी नहीं चाहता। संतोष ने यह भी दावा किया है कि वकीलों की फीस पर 5 से 6 लाख रुपए खर्च कर चुका है।

गोविंदा ने अपनी सफाई में कोर्ट को बताया कि संतोष राय महिला डांसर्स के काफी करीब आ रहा था और मना करने के बाद भी उनसे बदतमीजी कर रहा था।