सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने गुरुवार को कहा कि वे ब्रिटेन की कोर्ट में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पक्ष में गवाही देंगे। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वे नीरव मोदी के लिए गवाह बनेंगे। काटजू ने कहा कि वे इस केस की खूबी पर बयान नहीं देंगे और सिर्फ यही कहेंगे कि नीरव को भारत में न्याय नहीं मिलेगा।
जस्टिस काटजू ने कहा कि उनकी राय ब्रिटिश कोर्ट में भारत सरकार की ओर से दाखिल उस याचिका से अलग है, जिसमें नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मांग की गई है। द इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में जस्टिस काटजू ने कहा कि उन्होंने पहले ही एक लिखित बयान जमा कर दिया है। बता दें कि भारत सरकार पिछले एक साल से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।
जस्टिस काटजू ने बताया कि अपने लिखित बयान में उन्होंने यूके कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी को भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि उसे भारतीय मीडिया और मौजूदा सरकार ने पहले ही दोषी मान लिया है। उन्होंने कहा कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीरव मोदी को पहले ही अपराधी घोषित कर दिया। जस्टिस काटजू ने पूछा कि आखिर कैसे एक कानून मंत्री किसी को अपराधी करार दे सकते हैं? यह काम सिर्फ एक अदालत कर सकती है। लेकिन कानून मंत्री सीधे फैसले सुना रहे हैं।
जस्टिस काटजू पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि भारतीय न्यायालय इस वक्त नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ झुकाव रखते हैं। हाल ही में अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सबसे शर्मनाक बताया था। बताया गया है कि पूर्व जज काटजू ब्रिटिश कोर्ट में शुक्रवार को गवाही देंगे। यहां उनसे ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस पूछताछ करेगी।
बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले में आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि नीरव मोदी ने 6498 करोड़ और मेहुल चोकसी ने 7080 करोड़ रुपए का गबन किया। दोनों आरोपी सीबीआई जांच शुरू होने से पहले ही साल 2018 में विदेश चले गए थे।
