लखीमपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने In-Camera सुनवाई से साफ तौर पर इन्कार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को सख्त आदेश में कहा कि मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट रूम में की जाए। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष आरोपी है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने बेंच से कहा कि ट्रायल रके दौरान कोर्ट रूम में धमकियां दी जा रही हैं। इस पर आशीष की तरफ से पेश सिद्धार्थ दवे ने कहा कि मामले की सुनवाई In-Camera कराई जा सकती है। बेंच ट्रायल कोर्ट की तरफ से भेजी गई कंप्लायंस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद ये फैसला लिया।

आशीष मिश्रा फिलहाल आठ हफ्ते की पैरोल पर है। सुप्रीम कोर्ट ने ही उसे जमानत पर रिहा करने का फैसला किया था। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि आशीष से जुड़े लोग पीड़ित पक्ष पर धमकाकर दबाव बना रहे हैं। आशीष पर लखीमपुर में किसानों को कुचलने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक आशीष ने अपनी गाड़ी से किसानों को कुचला था। आशीष की गिरफ्तारी को लेकर कई बार ड्रामा खड़ा हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट में आशीष की बेल पर सुनवाई के दौरान काफी बखेड़ा खड़ा हुआ था। पीड़ित पक्ष की तरफ से प्रशांत भूषण का कहना था कि आशीष जेल से बाहर निकला तो मामले से जुड़े लोगों को परेशान करेगा। उन पर अपने बयानों से मुकरने के लिए दबाव बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद आशीष को बेल पर रिहा करने का फैसला किया था। उस पर कई बंदिशें भी लगाई गई। इसमें वो यूपी के साथ दिल्ली में नहीं जा सकता।

लखीमपुर कांड 3 अक्टूबर 2021 को हुआ था। इसमें 8 किसानों की मौत हुई थी। विरोध कर रहे किसान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने जा रहे थे। तभी ये घटना हुई। उसके बाद आशीष को अरेस्ट किया गया था। SIT ने 5 हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल करके आशीष को मामले का मुख्य आरोपी माना था। ट्रायल कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने उसे बेल दे दी। बवाल मचा तो उसे फिर से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।