Popular Front of India: सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया Popular Front of India (PFI) के नेता एएस इस्माइल को मेडिकल आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया। इस्माइल पर Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 के तहत मुकदमा दर्ज है।

जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस नोंगमईकापम कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इस बात की जांच करने के लिए नोटिस जारी किया कि क्या इस्माइल को फिजियोथेरेपी सुविधाएं दी जा सकती हैं। इस्माइल तिहाड़ जेल नंबर 1 में बंद है।

इस्माइल को अक्टूबर, 2024 में स्ट्रोक आया था और इसके बाद उसका कई अस्पतालों में इलाज हुआ। मेडिकल बोर्ड के अनुसार, उसकी लगातार फिजियोथेरेपी करने और ब्लड प्रेशर की मॉनीटरिंग की जरूरत है।

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फिजियोथैरेपी की सुविधा नहीं देने का दावा

सुनवाई के दौरान बेंच ने इस बात पर गौर किया कि इस्माइल की कंडीशन मेडिकल इमरजेंसी वाली नहीं है लेकिन इस्माइल की ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को फिजियोथैरेपी की सुविधा नहीं दी जा रही है।

इस्माइल पर क्या है आरोप?

NIA ने आरोप लगाया है कि इस्माइल मुस्लिम युवाओं को भारत सरकार और कुछ संगठनों के नेताओं के खिलाफ कट्टरपंथी बनाने की साजिश में शामिल था। एजेंसी का यह भी आरोप था कि इस्माइल देश की एकता और अखंडता को बाधित करना चाहता है।

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इस्माइल को 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस्माइल की उस अपील को खारिज कर दिया था जिसमें ट्रायल कोर्ट की ओर से मेडिकल ग्राउंड पर उसे अंतरिम जमानत नहीं देने के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने जेल के अफसरों को निर्देश दिया था कि वे डॉक्टर के द्वारा बताए गए तरीके से इस्माइल का उपचार करें और उसे हर महीने में एक बार AIIMS ले जाया जाए।

गृह मंत्रालय ने लगाया था PFI पर बैन

बताना होगा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सितंबर 2022 में PFI और इससे जुड़े संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया था। जांच एजेंसी ने पाया था कि इन सभी संगठनों के वैश्विक आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। सरकार ने UAPA एक्ट के तहत इन सभी संगठनों को गैरकानूनी घोषित कर दिया था।

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