सुप्रीम कोर्ट का अगला प्रधान न्यायाधीश कौन होगा, इसे लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। मौजूदा प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित अगले महीने आठ तारीख को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। परंपरा है कि सेवानिवृत्त होने से पहले प्रधान न्यायाधीश खुद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश सरकार को भेजते हैं। इसके लिए सरकार भी प्रधान न्यायाधीश से अनुरोध करती है।
सुप्रीम कोर्ट की स्थापित परंपरा के हिसाब से वरिष्ठतम जज ही प्रधान न्यायाधीश बनाए जाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में इस स्थापित परंपरा को केवल एक बार इंदिरा गांधी के दौर में बदला गया था। परंपरा के हिसाब से वरिष्ठतम जज धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में देखा जा रहा है। अगर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ प्रधान न्यायाधीश बनते हैं तो उनका कार्यकाल नौ नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 तक यानी लगभग दो साल का होगा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के पिता न्यायमूर्ति यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ 1978 से 1985 तक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रहे थे।
प्रधान न्यायाधीश की तरफ से उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश किए जाने के बाद केंद्र सरकार इस बारे में निर्णय करती है। न्यायमूर्ति ललित को वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था। जबकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ पहले बंबई हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाए जाने से पहले वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश थे।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित अगले महीने 8 तारीख को सेवानिवृत्त होंगे
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का बतौर प्रधान न्यायाधीश कार्यकाल 74 दिन का है। इस बीच वकीलों के विभिन्न संगठनों की तरफ से सरकार से पिछले दिनों मांग की गई थी कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों का कार्यकाल दो साल बढ़ाया जाए। अभी हाईकोर्ट के न्यायाधीश 62 और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल की उम्र तक पद पर रहते हैं। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित के प्रधान न्यायाधीश रहते सुप्रीम कोर्ट का कालिजियम सर्वोच्च अदालत में खाली पदों पर नियुक्ति की सिफारिश नहीं कर पाया है।
इस समय सर्वोच्च अदालत में पांच पद खाली हैं। पिछले दिनों कालिजियम ने बंबई हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपंकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। हालांकि यह सिफारिश भी अभी केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। इसके अलावा बाकी खाली चार पदों पर नियुक्ति के लिए कालिजियम सिफारिश नहीं कर पाया है।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता 16 अक्तूबर को हो रहे रिटायर, इससे एक पद और खाली हो जाएगा
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के 16 अक्तूबर को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक पद और खाली हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए प्रधान न्यायाधीश ने 30 सितंबर को कालिजियम की बैठक बुलाई थी पर उस दिन न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के अदालती मामलों की देर रात तक सुनवाई करने के कारण बैठक नहीं हो पाई थी।