सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त तक स्थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को गुरुवार, 1 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया। इस बीच सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने जवाब दाखिल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के जवाब को रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने ED और CBI को नोटिस जारी किया था
इससे पहले 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिकाओं पर ED और CBI को नोटिस जारी किया था। इस मामले पर सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तिथि तय की थी।
मनीष सिसोदिया की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, संजय करोल और केवी विश्वनाथन की बेंच से कहा था कि वह (मनीष सिसोदिया) पिछले 16 महीने से जेल में बंद हैं। जबकि मुकदमा उसी स्थिति में हैं जहां 2023 में था।
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने 8 जुलाई को भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने मनीष सिसोदिया की तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन का उल्लेख किया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में हैं और मुकदमा पूरा होना चाहिए। इसके बाद मामले को 11 जुलाई को जस्टिस संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, न्यायमूर्ति संजय कुमार द्वारा मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लेने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित हो गई थी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को कथित तौर पर आबकारी नीति मामले में भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया था।