कोरोना महामारी के चलते अदालतों में ऑन लाइन सुनवाई का विकल्प अपनाया गया है। ऐसे में सुनवाई के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल से बार-बार आने वाली रुकावट पर चीफ जस्टिस (CJI) एन वी रमन्ना ने सोमवार को वकीलों पर अपनी नाराजगी जाहिर की। सीजेआई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने कहा कि हमें मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना पड़ेगा।

बता दें कि सोमवार को कई वकीलों द्वारा मोबाइल के जरिए डिजिटल सुनवाई में शामिल होने के दौरान बार-बार रुकावट की समस्या आई। इसपर अपनी नाराजगी जताते हुए सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमें मोबाइल के माध्यम से सुनवाई में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस समस्या को लेकर नाखुश दिखे।

दरअसल सुनवाई के दौरान वकीलों की तरफ से कई बार ऑडियो या विजुअल गायब हो रहा था। ऐसे में सोमवार को सूचीबद्ध 10 मामलों में सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। इसको लेकर पीठ ने टिप्पणी की, “अपने मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए कई वकील सुनवाई कर रहे हैं और दिखाई नहीं दे रहे हैं। हमें मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है।

अदालत ने कहा कि श्रीमान वकील, आप अब सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं, और रोजाना पेश हो रहे हैं। ऐसे में क्या आप सुनवाई के लिए कंप्यूटर नहीं खरीद सकते हैं? बता दें कि अदालत की रजिस्ट्री द्वारा जारी एक नोटिस में भी वकीलों को एक बेहतर इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

बता दें कि सर्वोच्च अदालत मार्च 2020 से ही कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग से मामलों की सुनवाई कर रही है। वहीं एक बार फिर से देश में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2 लाख 38 हजार 018 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 1,57,421 मरीजों की रिकवरी हुईं है। वहीं पिछले एक दिन में 310 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।