2021 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की कतार में खड़े जस्टिस एनवी रमना ने केसों की लिस्टिंग के मुद्दे पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि अगर वकील केस की लिस्टिंग होने तक भी इंतजार नहीं कर सकते तो इस प्रथा को बंद कर देना चाहिए। जस्टिस रमना मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए वकीलों द्वारा दिखाई जा रही जल्दबाजी पर नाराज दिखे।

उन्होंने कहा कि वकीलों में इतना भी सब्र नहीं है कि वे अपने केसों के नंबर लगने का इंतजार भी नहीं कर सकते। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो ये प्रथा बंद कर देनी चाहिए। गौरतलब है कि जजों के सामने मामले सूचीबद्ध कराने के लिए रोजाना वकीलों की लंबी कतार लगी रहती है। यह जानकारी ‘सीएनएन न्यूज 18’ के लीगल एडिटर उत्कर्ष आनंद ने ट्वीट कर दी।

नियमों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री किसी भी केस की लिस्टिंग होती है इसके बाद संबंधित कक्ष के समक्ष केस लिस्ट कर दिया जाता है। कोर्ट रूम के बाहर एक लिस्ट चिपका दी जाती है और उसी के तहत मामलों की सुनवाई होती है। लेकिन वकील इस लिस्ट के मुताबिक न चलते हुए अपने केस की पहले सुनवाई के लिए जजों से आग्रह करते हैं। जस्टिस रमना वकीलों की इसी जल्दबाजी पर भड़क उठे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री वह कार्यालय होता है जो सभी दस्तावेजों को स्वीकार करता है और उन पर कार्यवाही आगे बढ़ाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट केस की तारीखों में हेराफेरी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए सीबीआई अफसर की नियुक्ति का फैसला लिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी इस मुद्दे पर चिंता जता चुके हैं। रंजन गोगोई ने लंबित पड़े मामलों की लिस्टिंग ने होने पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि इस व्यवस्था में कोई न कोई ‘गड़बड़ी’ है।

जस्टिस एनवी रमना सीजेआई बनने की ओर: जस्टिस एनवी रमना दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। मौजूदा सीजेआई रंजग गोगोई अगले महीने 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं ऐसे में 2021 में रमना चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के आधार पर सीजेआई चुनने की प्रक्रिया को फॉलो किया जाता रहा है।