Supreme Court Grants Interim Bail To Muslim Poet: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को असम के मुस्लिम कवि को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। मुस्लिम कवि रकीब उद्दीन अहमद पर आरोप है कि उसने हिंदू देवी-देवताओं (भगवान राम और मां सीता) पर कविता के माध्यम से अभद्र पर टिपप्णी की थी। साथ ही उसको सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।

जस्टिस एमएम सुंदरेश और एसवीएन भट्टी की बेंच ने एकपक्षीय सुनवाई करते हुए इस मामले में असम सरकार से जवाब मांगा है। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस शर्त पर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा कि वह जांच में सहयोग करेगा।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच 22 फरवरी के गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

आरोप है कि आरोपी कवि ने कथित तौर पर अपनी असली पहचान छिपाई, सोशल मीडिया पर एक अलग नाम दिया और विवादास्पद कविता पोस्ट की। आरोपी के खिलाफ जो शिकायत दर्ज कराई थी उसमें कहा गया था कि उसने धार्मिक शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की।

हाई कोर्ट ने तर्क दिया कि पुलिस के पास कवि के खिलाफ हिरासत में पूछताछ के लिए पर्याप्त आपत्तिजनक सामग्री थी। इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपी गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की संभावना है।

हाई कोर्ट ने कहा था कि यह नहीं कहा जा सकता कि उक्त कविता ने धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच किसी दुश्मनी और नफरत को प्रभावित नहीं किया है। याचिकाकर्ता पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए घटना की तारीख से ही फरार है।

पूरे मामले को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी द्वारा मांगी माफी पर गौर किया। साथ ही नोटिस जारी कर आरोपी को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।

आरोपी के वकील ने कहा था कि वो साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त एक प्रतिष्ठित कवि हैं और उनके खिलाफ देर से आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, शिकायत में यह खुलासा नहीं किया गया था कि उन्होंने कविता, जो वास्तव में दिहाड़ी मजदूरों के जीवन के बारे में थी उसको कुछ ही घंटों में हटा दिया था और माफी मांग ली थी।