Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने वकीलों का चिल्लाना और तेज आवाज में बात करना अब आम बात हो गई है। इस रवैये पर सुप्रीम कोर्ट के जज और भावी सीजेआई बीआर गवई ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस बीआर की अध्यक्षता वाली बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी। उसी वक्त दोनों पक्षों के वकीलों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसके बाद वह काफी नाराज हो गए।
जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ‘मैंने बॉम्बे, नागपुर और औरंगाबाद बेंच में जज के तौर पर काम किया है, लेकिन मैंने सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की अनुशासनहीनता कभी नहीं देखी। यहां, आप एक तरफ छह वकील और दूसरी तरफ छह वकील देखते हैं, जो एक ही समय में चिल्ला रहे होते हैं। हाई कोर्ट में ऐसा व्यवहार अनसुना है। सभी वकीलों को ध्यान रखना चाहिए कि वे कोर्ट की गरिमा का सम्मान करें।’
पिछले साल भी जाहिर की थी चिंता
यह कोई पहली बार नहीं है जब जस्टिस बीआर गवई ने इस तरह की टिप्पणी की है। इससे पहले पिछले साल सितंबर के महीने में भी जस्टिस गवई ने चिंता जाहिर की थी। उस समय उन्होंने कहा था, ‘हममें से जो लोग हाई कोर्ट से आते हैं, उन्हें यह सुप्रीम कोर्ट सबसे अनुशासनहीन न्यायालय लगता है। कोई भी कहीं से भी बोल सकता है, लेकिन व्यवस्था का अभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।’
छह साल से हिरासत में, 16 बार सुनवाई स्थगित;
अगले सीजेआई होंगे गवई
जस्टिस गवई वर्तमान सीजेआई संजीव खन्ना की जगह लेंगे। वह जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के बाद 13 मई, 2025 को रिटायर होंगे। जस्टिस गवई एससी समुदाय से भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। पहले दलित सीजेआई जस्टिस केजी बालकृष्णन थे, जो 11 मई, 2010 को रिटायर हुए थे।
कौन हैं जस्टिस बीआर गवई
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवम्बर 1960 को अमरावती में आरएस गवई के घर हुआ था। वह संसद सदस्य और बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल थे। 25 साल की उम्र में जस्टिस गवई बार में शामिल हो गए और 1985 में वकील के तौर पर नामित हुए व बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ में प्रैक्टिस करना शुरू किया। जस्टिस गवई ने 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की। जस्टिस गवई को 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया और 2005 को वे बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी जज बन गए। जस्टिस गवई ने मुंबई में मुख्य पीठ के साथ-साथ नागपुर, औरंगाबाद और पणजी में सभी तरह के कार्यभार वाली बेंचों की अध्यक्षता की। पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ से कब-कब असहमत हुए जस्टिस संजय किशन कौल? पढ़ें पूरी खबर…