सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक बढ़ा दी, जिसमे मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वे करने की अनुमति दी गयी थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में स्थित है। भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते से करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अभी तीन मुद्दे लंबित हैं। पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक जारी रहेगी जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 16 जनवरी को पहली बार हाई कोर्ट के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट ने दी थी सर्वे की अनुमति
हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी थी। इसकी देखरेख के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर सहमति भी व्यक्त की थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे प्रतीक मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी मंदिर था।
हिंदू पक्षों के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले में संबंधित आदेश निष्प्रभावी हो गए हैं। विष्णु शंकर जैन ने कहा, “ये सभी याचिकाएं निरर्थक हो गई हैं, क्योंकि हाई कोर्ट ने अपना आदेश बाद में सुनाया है।’’
संभल में सर्वे में हुआ था विवाद
हाल ही में संभल के जामा मस्जिद का सर्वे हुआ था, जिस पर काफी बवाल हुआ था। इस दौरान पथराव की घटना भी सामने आई थी, जिसके बाद गोली भी चली थी। इसमें पांच युवाओं की मौत भी हुई थी। इसके बाद सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया था।