सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की। जगजीत सिंह पिछले 17 दिनों से खनौरी बॉर्डर (हरियाणा-पंजाब) पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे डल्लेवाल से तुरंत मिलें और उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं तथा उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए राजी करें क्योंकि उनका जीवन बहुत कीमती है।

पीठ ने पंजाब और केंद्र सरकार को किया आगाह

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब सरकार एवं महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह को आगाह करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि डल्लेवाल के आमरण अनशन को समाप्त करने के लिए उनके खिलाफ तब तक कोई बल प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि उनकी जान बचाना जरूरी नहीं हो। इसके साथ ही पीठ ने मेहता और सिंह से कहा, ‘आप दोनों इस मुद्दे पर तत्काल गौर करते हुए सुनिश्चित करें कि इस मामले का समाधान हो।’

जरूरत पड़े तो पीजीआई में कराएं भर्ती

पीठ ने यह भी सलाह दी कि अगर जरूरत पड़े तो डल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या निकटवर्ती पटियाला शहर में स्थानांतरित किया जा सकता है। पीठ ने आंदोलनकारी किसानों से गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन करने और अस्थायी रूप से इसे स्थगित करने या राजमार्गों से हटने को कहा और शीर्ष अदालत द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को किसानों से मिलने का निर्देश दिया।

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फरवरी से ही चल रहा आंदोलन

डल्लेवाल बीते 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनोरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं ताकि केंद्र पर फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके। लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा किसानों के दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनोरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। पढ़ें आंदोलन संबंधित सभी बड़ी खबरें