मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर (द्वितीय) के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुल्ताना बेगम ने कथित तौर पर बहादुर शाह जफर (द्वितीय) का कानूनी उत्तराधिकारी होने का दावा किया था। याचिका में सुल्ताना बेगम ने मांग की थी कि दिल्ली में मौजूद लाल किले पर उन्हें कब्जा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के वंशज की उनके घर पर कब्जे की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

इसके पहले सुल्ताना बेगम की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। हाईकोर्ट के फैसले को सुल्ताना बेगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लाल किले पर कब्जा देने की मांग वाली याचिका पर CJI संजीव खन्ना पहले हंसे और फिर याचिका खारिज कर दी।

याचिका खारिज होने पर आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की परपोती सुल्ताना बेगम भावुक हो गईं और बोलीं, “मैंने लाल किला का जिक्र नहीं किया, मैंने तो सिर्फ बहादुर शाह जफर के घर पर कब्जा मांगा था। मुझे नहीं पता कि लाल किला है, जफर महल है या फतेहपुर सीकरी, ये सब सरकार जानती है।”

उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा- बहादुर शाह जफर की परपोती

सुल्ताना बेगम ने आगे कहा, मुझे उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा लेकिन आज वो उम्मीद टूट गई। अब मैं कहां जाऊं? क्या जाकर भीख मांगूं और उन्हें बदनाम करूं? क्या करूं? बहादुर शाह जफर ने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया। उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी दी, उनका ताज छीन लिया गया लेकिन उन्होंने कभी अपने देश के साथ गद्दारी नहीं की। मुझे इतने देशों से मदद के प्रस्ताव मिले, लेकिन मैंने कहा कि मैं अपने देश को नहीं छोडूंगी। इसके बाद मैं पूरी तरह टूट गई हूं।

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बहादुर शाह जफर की परपोती ने आगे कहा, “जिन्होंने अपने देश के साथ गद्दारी की, वो ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं और जो शख्स अपने देश के लिए वफादार था, उसका परिवार आज तकलीफ में है। हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। मैंने जनता की मदद लेने से इनकार कर दिया क्योंकि मैं सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा था लेकिन अब जब कोई विकल्प नहीं बचा है, तो मैं जनता से मदद लूंगी।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स