इलाहबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तलब किया।  इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर कुमार यादव के साथ बैठक की और उनसे कहा कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में उन्होंने जो कुछ कहा उससे बचा जा सकता था।

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि फिलहाल 30 मिनट तक चली इस बैठक में क्या हुआ, इससे जुड़ी जानकारी सामने नहीं आ सकी है। इस मामले पर निगाहें राज्यसभा के सभापति पर भी हैं, जहां विपक्ष ने जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग चलाने की कोशिश की है। विपक्ष की ओर से जस्टिस यादव पर नफरती भाषण और सांप्रदायिक विद्वेष को भड़काने का आरोप लगाया गया है।

जस्टिस शेखर यादव ने क्या कहा था?

इलाहाबाद हाईकोर्ट के परिसर में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा 8 दिसंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस शेखर यादव ने मुसलमानों पर निशाना साधा था और समान नागरिक संहिता को हिंदू बनाम मुस्लिम बहस के तौर पर पेश किया था।

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जस्टिस शेखर यादव ने कहा, “आपको यह गलतफहमी है कि अगर कोई कानून (UCC) लाया जाता है, तो यह आपके शरीयत, आपके इस्लाम और आपके कुरान के खिलाफ होगा। लेकिन मैं एक और बात कहना चाहता हूं। चाहे वह आपका पर्सनल लॉ हो, हमारा हिंदू कानून हो, आपका कुरान हो या फिर हमारी गीता हो, जैसा कि मैंने कहा कि हमने अपनी प्रथाओं में बुराइयों को संबोधित किया है। कमीयां थीं, दुरुस्त कर लिए हैं, छुआ-छूत, सती, जौहर, कन्या भ्रूण हत्या। हमने उन सभी मुद्दों को संबोधित किया है। फिर आप उस कानून को खत्म क्यों नहीं कर रहे हैं कि जब आपकी पहली पत्नी मौजूद है तो आप तीन पत्नियां रख सकते हैं उसकी सहमति के बिना, यह स्वीकार्य नहीं है।”

जस्टिस यादव ने आगे कहा कि हिंदू धर्म में सहिष्णुता के बीज हैं जो इस्लाम में नहीं हैं। हमें सिखाया जाता है कि एक चींटी को भी नहीं मारना चाहिए। शायद इसीलिए हम सहिष्णु और उदार हैं। हमें किसी का कष्ट देखकर कष्ट होता है, किसी को कष्ट देखकर पीड़ा होती है, पर आपके (मुसलमानों) के अंदर नहीं होती है, क्यों? क्योंकि जब हमारे समुदाय में कोई बच्चा पैदा होता है, तो उसे बचपन से ही भगवान, वेद और मंत्रों के बारे में सिखाया जाता है। उसे अहिंसा के बारे में बताया जाता है, लेकिन आप के यहां तो बचपन से बच्चे सामने रख कर वध किया जाता है जानवरों का, तो आप कैसे अपेक्षा करते हैं कि सहिष्णु होगा वो, उदार होगा?”