Supreme Court Closed all Case on Babari Demolition: सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस के जुड़े सभी केस को पूरी तरह से बंद कर दिया। मंगलवार (30 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट ने उमा भारती, एमएम जोशी, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार और अन्य के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही को हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने साल 1992 में बाबरी विध्वंस से जुड़ी सभी कार्यवाही पर कहा, “देश की शीर्ष आदालत की एक बड़ी बेंच पहले ही अयोध्या मामले पर फैसला दे चुकी है। दूसरी तरफ ओवैसी ने शायर परवीन शाकिर के एक शेर के जरिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तंज किया। उन्होंने लिखा- वो न आएगा हम में मालूम था मगर हम शाम का इंतजार कुछ सोच कर करते रहे। चलिए आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट ने और क्या अहम टिप्पणियां की।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि “इस मामले में अब कुछ भी नहीं बचा है”। न्यायमूर्ति एस के कौल ने कहा, “आप एक मरे हुए घोड़े को कोड़े नहीं मार सकते। हम केवल पुराने मामलों को लेने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ बच सकते हैं कुछ जा सकते हैं। बड़ा मुद्दा है पहले से ही पांच न्यायाधीशों की पीठ की तरफ से फैसला किया गया था। याचिकाकर्ता की मृत्यु हो गई है, प्रतिवादियों के खिलाफ अवमानना ​​​​याचिका बंद हो गई।”

Supreme Court ने गुजरात दंगों से जुड़े सभी मामले बंद किए

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग मामलों में गुजरात में 2002 के दंगों से जुड़ी सभी कार्यवाहियों को भी बंद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाओं का एक बैच लंबित था, जिस पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “समय बीतने के साथ मामले अब निष्फल हो गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, “नौ में से 8 मामलों में सुनवाई खत्म हो गई है और ट्रायल कोर्ट, नरोदा गांव, गुजरात में एक मामले में अंतिम बहस चल रही है।”

Prashant Bhushan के खिलाफ भी अवमानना का केस बंद

कोर्ट ने प्रशांत भूषण के खिलाफ पिछले सीजीआई (CJI) के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए अदालत की अवमानना ​​​​का केस भी बंद कर दिया। कोर्ट ने कहा, “अवमानना ​​करने वालों की तरफ से स्पष्टीकरण/माफी के मद्देनजर, हम केस को जारी रखना जरूरी नहीं समझते हैं।” बता दें कि ये मामला प्रशांत भूषण की साल 2009 की उस टिप्पणी से जुड़ा हुआ है जिसमें तहलका पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछले कई प्रधान न्यायाधीश भ्रष्ट थे। यह मामला कई सालों से अधर में लटका हुआ था।