Supreme Court News: हत्या के दोषी 104 साल के बुजुर्ग शख्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में साल 1920 में जन्म लेने वाले रसिक चंद्र मंडल 1988 में की गई एक हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘एक अंतरिम आदेश के तौर पर हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता रसिक चंद्र मंडल को रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जाने वाली शर्तों पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।’
क्या है पूरा मामला
मंडल को 1988 के एक हत्या के मामले में 1994 में दोषी ठहराया गया था, उस समय वह 68 साल का था और आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। सजा के खिलाफ उसकी अपील को 2018 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए। यहां पर भी उसकी अपील खारिज हो गई। इसके बाद मंडल ने 2020 में सुप्रीम कोर्ट में एक नई अपील दायर की।
क्या पूर्व CJI पॉलिटिक्स में करेंगे एंट्री?
इसमें उन्होंने 99 साल की उम्र में बुढ़ापे और बीमारियों का हवाला देते हुए समय से पहले रिहाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी और 2021 में इसे गंभीरता से लिया। अब रिटायर्ड जस्टिस ए अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 7 मई, 2021 को पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। नोटिस में सुधार गृह के सुपरिटेंडेंट को मंडल की हेल्थ के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।
सीजेआई खन्ना की बेंच के सामने लिस्टेड था मामला
शुक्रवार को यह मामला सीजेआई खन्ना की बेंच के सामने सूचीबद्ध था। यहां पर मंडल के स्वास्थ्य के बारे में सवाल किया गया। इस पर बंगाल सरकार की वकील आस्था शर्मा ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य से संबंधी काफी सारी परेशानियां हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपना 104वां जन्मदिन मनाएंगे। उनकी हालत स्थिर है और कोर्ट ने मंडल के स्वास्थ्य को देखते हुए अंतरिम जमानत को मंजूर कर लिया। आपने 6 लोगों का मर्डर किया और आपको सीजेएम जमानत दे रहे पढ़ें पूरी खबर