दिल्ली-एनसीआर में एयर पॉल्यूशन को नियंत्रित करने के लिए GRAP-4 के प्रतिबंध लागू हैं। हालांकि इसके प्रतिबंध ठीक से लागू नहीं हो पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण का हाल जानने के लिए एक वकील को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। लेकिन अब उसे ही सीनियर अधिकारी की ओर से धमकी मिली है।

कोर्ट कमिश्नर को मिली धमकी

कोर्ट कमिश्नर ने कोर्ट में दावा किया है कि एक सीनियर अधिकारी के घर प्रदूषण से जुड़े नियमों का उल्लंघन हो रहा था और इसकी उन्होंने शिकायत की, जिस पर उन्हें धमकी मिली। सुप्रीम कोर्ट ने GRAP 4 के नियमों को सही से लागू करवाने के लिए 13 वकीलों की टीम भी बनाई है और दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई थी।

हालांकि अभी GRAP-4 के नियम लागू रहेंगे। कोर्ट कमिश्नर मनन वर्मा ने दावा किया कि एक वरिष्ठ अधिकारी के घर पर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। इस पर आपत्ति जताई गई तो उन्हें धमका दिया गया। कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी के घर पर निर्माण कार्य चल रहा था। इस पर आपत्ति जताने के बाद एक व्यक्ति घर से बाहर आया और कहा की वह बहुत ही वरिष्ठ अधिकारी के घर काम करवा रहा है। उन्होंने कहा कि जब मैं तस्वीर लेने लगा तो मेरे अधिकार पर सवाल उठाए गए और तस्वीरें लेने से रोकने की कोशिश की गई। मनन वर्मा ने कहा कि मेरा आईडी कार्ड भी मंगा लिया गया और मुझे डराने धमकाने की कोशिश की गई।

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सुप्रीम कोर्ट ने GRAP के प्रतिबंधों में ढील देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में GRAP के चौथे चरण के प्रतिबंधों में ढील देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब तक कि उसे AQI के स्तर में गिरावट का रुझान नहीं दिखाई देता, तब तक ग्रेप-4 नहीं हटाया जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह ‘खराब’ श्रेणी में 273 पर पहुंच गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 5 दिसंबर को GRAP-4 के प्रतिबंधों में संशोधन के पहलुओं पर सभी पक्षों की सुनवाई करेगा। कोर्ट ने CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को सभी संबंधित अधिकारियों को वायु प्रदूषण को कम करने वाले उपायों के बारे में बताने के लिए कहा।