जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा अपनी मां से मिल सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने इल्तिजा को हिरासत में बंद उनकी मां से मिलने के लिए अनुमति दे दी। इल्तिजा अपनी मां से मिलने चेन्नई से श्रीनगर पहुंचेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इल्तिजा श्रीनगर के अन्य हिस्सों में भी जा सकती हैं।

यदि जरूरत पड़ती है तो वह प्रशासन से इस संबंध में पूर्व अनुमति ले सकती हैं। महबूबा मुफ्ती की बेटी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह हिरासत में बंद अपनी मां से मिलना चाहती हैं। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाए। मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से ही महबूबा मुफ्ती समेत राज्य के प्रमुख नेताओं को प्रशासन की तरफ से ऐहतियातन हिरासत में रखा गया है।

अपनी याचिका में इल्तिजा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। उनकी एक महीने से अपनी मां से मुलाकात नहीं हो पाई है। इसके बाद उनकी याचिका को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एसए बोबडे व जस्टिस एसए नजीर की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

सुनवाई के दौरान इल्तिजा की तरफ से पेश एडवोकेट आकर्ष कामरा ने कहा कि याचिका में जिस प्रकार की राहत की मांग की गई है वह बिल्कुल उस तरह की है जैसी माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी के बीमार नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मुलाकात के लिए दी गई थी।

मालूम हो कि केंद्र सरकार की तरफ से 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में राज्य को दो हिस्सों में बांटने की घोषणा की थी। इसके एक दिन पहले से ही राज्य में पांबदियों के साथ ही संचार सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

प्रशासन की तरफ से राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद व अन्य दलों व संगठनों के नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। प्रशासन की तरफ से दिन के समय राज्य के अन्य हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर लगी सभी पाबंदियों में ढील दे दी गई है। इसके बावजूद आम जन-जीवन अभी भी प्रभावित है।